स्थानीय निकाय चुनाव मतपत्रों से कराने का निर्णय अनुभव के आधार पर लिया गया: सिद्धरमैया
सुभाष पवनेश
- 05 Sep 2025, 05:26 PM
- Updated: 05:26 PM
बेंगलुरु, पांच सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने स्थानीय निकाय चुनाव मतपत्रों से कराये जाने के निर्णय का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘अनुभव के आधार पर’’ लिया गया है।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) से प्रदेश में भविष्य में होने वाले सभी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से कराने की सिफारिश करने का निर्णय लिया।
सिद्धरमैया ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ’’हमारा इरादा मतपत्र का उपयोग करने का है। अपने अनुभव के आधार पर, हमने निर्णय लिया है कि मतपत्रों से चुनाव होना चाहिए। ऐसे उदाहरण हैं जहां कई देशों ने ईवीएम के बजाय मतपत्रों के जरिये चुनाव कराया है।’’
बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए, कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने ईवीएम के प्रति लोगों के विश्वास और विश्वसनीयता में कमी को इस फैसले का कारण बताया था।
मंत्रिमंडल ने मतदाता सूचियों में विसंगतियों और ‘‘वोट चोरी’’ के आरोपों का हवाला देते हुए, राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची ‘‘तैयार करने, पुनरीक्षण करने और जरूरत पड़ने पर दोबारा तैयार करने’’ के लिए अधिकृत करने का भी फैसला किया है।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को दावा किया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में ईवीएम के बजाय मतपत्रों का उपयोग करने का राज्य मंत्रिमंडल का फैसला इस बात का ‘‘स्व-प्रमाणन’’ है कि सत्तारूढ़ पार्टी ‘‘वोट चोरी’’ के माध्यम से सत्ता में आई है।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों में चुने गए 136 कांग्रेस विधायकों और राज्य के नौ कांग्रेस सांसदों से इस्तीफा देने का आग्रह करते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा, ‘‘उन्हें मतपत्रों का उपयोग करके फिर से चुनाव जीतने दें, या स्वीकार करें कि वे वोट चोरी के माध्यम से सत्ता में आए हैं।’’
इस पर उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि भाजपा चिंतित या भयभीत क्यों है?
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘यह कर्नाटक सरकार का फैसला है, भाजपा चिंतित क्यों है? (राज्य) सरकार स्थानीय निकाय चुनाव करा सकती है, उनके (भाजपा) कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानून में प्रावधान है -- मतपत्र या ईवीएम (का उपयोग किया जा सकता है)। हमारी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान मतपत्रों का उपयोग करने का फैसला किया है, आप (भाजपा) भयभीत क्यों हैं?’’
भाजपा के विरोध की तुलना ‘‘चोर की दाढ़ी में तिनका’’ मुहावरे से करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने संसदीय चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ, उसकी जांच की है, मैं अभी इस पर चर्चा नहीं करना चाहता।’’
उन्होंने कहा कि मत्रपत्रों के जरिये चुनाव कराने संबंधी राज्य सरकार का यह निर्णय स्थानीय निकाय चुनावों के लिए है तथा विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) निर्णय लेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या बेंगलुरु में आगामी पांच स्थानीय निकायों के चुनाव मतपत्रों से होंगे। बेंगलुरु के प्रभारी मंत्री शिवकुमार ने कहा, ‘‘सरकार का फैसला स्थानीय निकाय चुनावों के संबंध में है।’’
हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद, कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता और चुनाव परिणामों पर संदेह व्यक्त किया है। पार्टी ने मतपत्रों के जरिये चुनाव कराये जाने की मांग की है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उपजे विवाद के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में दावा किया था कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक के एक लोकसभा क्षेत्र का अध्ययन करके ‘‘वोट चोरी’’ के तरीके का पता लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।
भाषा सुभाष