रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए भारत पर शुल्क लगाया गया: ट्रंप प्रशासन ने शीर्ष अदालत को बताया
आशीष अविनाश
- 04 Sep 2025, 09:02 PM
- Updated: 09:02 PM
(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, चार सितंबर (भाषा) डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी उच्चतम न्यायालय को बताया है कि उसने यूक्रेन-रूस युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने और शांति के लिए राष्ट्रपति के प्रयास के तहत रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद को लेकर भारत पर शुल्क लगाया है।
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया है और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। यह 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है।
बुधवार को उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत 251 पन्नों की अपील में ट्रंप प्रशासन ने कहा कि "राष्ट्रपति ने यूक्रेन में रूस के युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने के लिए रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद पर हाल में भारत के खिलाफ आईईईपीए (अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम) शुल्क को लगाया है। यह कदम यूक्रेन में शांति लाने के प्रयास के तहत उठाया गया है।’’
अपील में कहा गया है कि "राष्ट्रपति और उनके कैबिनेट अधिकारियों ने यह तय किया है कि शुल्क शांति और अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं। शुल्क लागू नहीं होने से हमारा देश बिना किसी प्रभावी सुरक्षा के व्यापारिक प्रतिशोध का शिकार हो जाएगा और अमेरिका फिर से आर्थिक तबाही के कगार पर पहुंच जाएगा।"
इसमें कहा गया है कि आईईईपीए शुल्क के कारण, छह प्रमुख व्यापारिक साझेदार और 27 देशों वाला यूरोपीय संघ पहले ही अमेरिका के साथ रूपरेखा समझौते कर चुके हैं, तथा अमेरिका के पक्ष में शुल्क व्यवस्था को स्वीकार कर चुके हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 2000 अरब अमेरिकी डॉलर की खरीद और निवेश करने पर सहमत हो चुके हैं।
पिछले सप्ताह, वाशिंगटन स्थित एक अपीली अदालत ने 7-4 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक शुल्क अवैध हैं, लेकिन साथ ही प्रशासन को शीर्ष अदालत में रिट याचिका दायर करने के लिए 14 अक्टूबर तक का समय दिया। इसी के तहत ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को अपील दायर की।
अपील में कहा गया है कि वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट के अनुसार, शुल्क "पिछले कई महीनों से देश की शीर्ष विदेश नीति प्राथमिकताओं में से एक रहे हैं" और इन्हें हटाने से "कूटनीतिक तौर पर बेहद असहज स्थिति पैदा होगी, अमेरिका के लिए जवाबी कार्रवाई का जोखिम होगा", और "चल रही वार्ता बीच में ही बाधित हो जाएगी, जिससे अमेरिकी लोगों की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आर्थिक कल्याण की रक्षा करने की हमारी क्षमता कमजोर होगी।"
अपीली अदालत के "खंडित, 7-4 निर्णय" की ओर इशारा करते हुए, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा आईईईपीए शुल्क के इस्तेमाल को गैरकानूनी घोषित किया गया था, ट्रंप प्रशासन ने अदालत को बताया कि "इस निर्णय से दूसरे देशों के साथ चल रही वार्ताओं पर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाएगी, जिसे राष्ट्रपति पिछले पांच महीनों से शुल्क के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।’’
बेसेन्ट और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो सहित ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों ने कहा है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से यूक्रेन में रूसी युद्ध को वित्तपोषित किया जा रहा है।
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को "अनुचित" बताया है। भारत ने कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय हितों और अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
भाषा आशीष