मप्र : चूहों के काटने के बाद दम तोड़ने वाली बच्ची के पोस्टमार्टम पर विरोधाभासी बयानों से विवाद
हर्ष खारी
- 04 Sep 2025, 09:02 PM
- Updated: 09:02 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), चार सितंबर (भाषा) इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चूहों के काटने के बाद दम तोड़ने वाली दो नवजात बच्चियों में शामिल एक शिशु के पोस्टमार्टम को लेकर इस अस्पताल के दो वरिष्ठ अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों से विवाद उत्पन्न हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि एमवायएच के नवजात बच्चों की सर्जरी से जुड़े विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हाल में चूहों के हमले की जद में आई एक बच्ची की मंगलवार को मौत हुई थी, जबकि दूसरी ने बुधवार को दम तोड़ा था।
उन्होंने बताया कि जिस बच्ची की बुधवार को मौत हुई, उसके ‘परिजनों की इच्छा के मुताबिक’ उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और शव को उसके परिवार को सौंप दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि चूहों के हमले की शिकार एक अन्य नवजात बच्ची ने मंगलवार को दम तोड़ा था।
एमवायएच के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने इस बच्ची के बारे में बुधवार देर शाम मीडिया से कहा था कि उसके शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसमें हृदय वाहिकाओं की समस्या, ‘सेप्टिसीमिया’ (रक्त विषाक्तता या रक्त संक्रमण) और संक्रमण के बारे में पता चला और ये सभी समस्याएं उसे चूहों के काटने से पहले से थीं।
यादव के इस दावे पर सवाल खड़े हो गए, जब बच्चों की सर्जरी के विभाग के अध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने मीडिया को बताया कि इस बच्ची के शव का पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को हुआ।
संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी अरविंद खत्री ने भी ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में पुष्टि की कि इस बच्ची के शव को पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को हुआ।
चूहों के हमले के बाद दो नवजात बच्चियों की मौत को लेकर मचे बवाल के बीच एमवायएच प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि दोनों शिशुओं की मौत का चूहों के काटने से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने अलग-अलग जन्मजात विकृतियों के कारण उत्पन्न पहले से मौजूद गंभीर स्वास्थ्यगत परेशानियों के कारण दम तोड़ा।
इस बीच, राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने एमवायएच का दौरा किया।
उन्होंने एमवायएच में दोनों नवजात बच्चियों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि घटना की विस्तृत जांच के लिए राज्यस्तरीय दल भी बनाया गया है और जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
इनमें से एक नवजात बच्ची के पोस्टमार्टम के विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने तंत्र पर इतना भरोसा तो रखना ही होगा कि चिकित्सा क्षेत्र की नैतिकता के चलते किसी शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले से तैयार नहीं की जा सकती।’’
उन्होंने हालांकि कहा कि वह देखेंगे कि नवजात बच्ची के पोस्टमार्टम को लेकर पहले मीडिया को क्या जानकारी दी गई थी और अगर इसमें कोई चूक पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इस बीच, एमवायएच प्रशासन ने उस निजी फर्म को राज्य सरकार की काली सूची में डालने की सिफारिश की है जिसके पास अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा, कीट नियंत्रण और डेटा एंट्री ऑपरेटर सरीखे मानव संसाधन मुहैया कराने का ठेका है।
चूहों के काटे जाने के बाद दो नवजात बच्चियों की मौत के मामले में एमवायएच प्रशासन अब तक छह अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुका है जिसमें निलंबन और पद से हटाए जाने के कदम शामिल हैं।
वैसे एमवायएच में नवजात बच्चों पर चूहों के हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले, वर्ष 2021 में इस सरकारी अस्पताल की नर्सरी (वह स्थान जहां नवजात बच्चों को देख-भाल के लिए रखा जाता है) में चूहों ने एक बच्चे की एड़ी कुतर दी थी।
भाषा हर्ष