मोदी के 22 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे के दौरान कई मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे हम:कांग्रेस
जितेंद्र राजकुमार
- 20 Sep 2025, 08:06 PM
- Updated: 08:06 PM
ईटानगर, 20 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि पार्टी 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान उन्हें सियांग जलविद्युत परियोजना को रद्द करने समेत कई मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपेगी। कांग्रेस इस ज्ञापन में राज्य के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली एवं अन्य मांगें उठायेगी।
ज्ञापन की एक प्रति प्रेस को उपलब्ध कराई गई है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री का अरुणाचल प्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि राज्य गंभीर सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनके लिए जन-केंद्रित, स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
पार्टी ने कहा कि केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य को 24,000 करोड़ रुपये का विशेष विकास पैकेज मिला था। उसने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोजगार, सीमावर्ती क्षेत्र विकास, कृषि एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्रवाई हेतु समान व्यापक सहायता की मांग की।
ज्ञापन में अनुच्छेद 371(एच) में संशोधन की मांग की गई, जो राज्यपाल को कानून-व्यवस्था के संबंध में विवेकाधीन शक्तियां प्रदान करता है।
ज्ञापन में तर्क दिया गया था कि यह अनुच्छेद लोकतांत्रिक शासन को कमजोर करता है और राज्य को भूमि, वन एवं संसाधनों पर पर्याप्त संवैधानिक सुरक्षा उपायों से वंचित करता है।
पार्टी ने समान सुरक्षा की मांग करते हुए कहा, “नगालैंड और मिजोरम के विपरीत अरुणाचल विस्थापन, भूमि अधिग्रहण और सत्ता के केंद्रीकरण के प्रति संवेदनशील बना हुआ है।”
कांग्रेस ने प्रस्तावित 11,000 मेगावाट की सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दावा किया कि इससे 27 गांव जलमग्न हो जाएंगे, 1.5 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित होंगे और भूकंपीय क्षेत्र में हिमालय के संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र तबाह हो जाएंगे।
पार्टी ने सभी सर्वेक्षणों एवं ड्रिलिंग पर तत्काल रोक लगाने, परियोजना स्थलों से अर्धसैनिक बलों को हटाने तथा वैकल्पिक लघु एवं मध्यम जलविद्युत, सौर और समुदाय-आधारित ऊर्जा परियोजनाओं को अपनाने की मांग की।
कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के लिए अपना समर्थन दोहराया।
पार्टी ने कहा, “ये सिर्फ राजनीतिक मुद्दे नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व, सम्मान और भविष्य से जुड़े लोगों के मुद्दे हैं।”
उसने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री राज्य के हित में इन मांगों पर ध्यान देंगे।
भाषा जितेंद्र