मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में हुआ ऐतिहासिक बदलाव: अरुणाचल के मुख्यमंत्री
यासिर सुरेश
- 04 Sep 2025, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
ईटानगर, चार सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में पूर्वोत्तर में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ तथा राज्य के दूरदराज के गांवों तक विकास और संपर्क सुविधाएं पहुंच गई हैं।
यहां ‘‘तृतीय पूर्वोत्तर विमानन शिखर सम्मेलन’’ और नागरिक विमानन पर पूर्वोत्तर क्षेत्रीय मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में खांडू ने नागरिक विमानन मंत्री के. राम मोहन नायडू समेत मंत्रालय को इस क्षेत्र में ‘बातचीत एवं नीति निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने’ के लिए धन्यवाद दिया।
खांडू ने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में देश में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। इसी तरह जब आप पूर्वोत्तर के विकास की बात करते हैं, तो 10 साल पहले का इतिहास अलग था और आज यह पूरी तरह बदल गया है। इसका पूरा श्रेय हमारे प्रधानमंत्री को जाता है।’’
उन्होंने मोदी के 2014 के उस सिद्धांत को उद्धृत किया कि ‘भारत तभी आगे बढ़ेगा जब पूर्वोत्तर आगे बढ़ेगा’। उन्होंने कहा कि मोदी के इस बयान के बाद से केंद्रीय मंत्रियों ने इस क्षेत्र का नियमित दौरा किया तथा प्रधानमंत्री ने स्वयं भी यहां की 60 से अधिक यात्राएं की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी 13 सितंबर को गुवाहाटी और 22 सितंबर को ईटानगर का दौरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने राजमार्गों, डिजिटल नेटवर्क, रेलवे और हवाई संपर्क का हवाला देते हुए अरुणाचल की संपर्क व्यवस्थाओं में प्रगति को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने तीन वर्षों में होलोंगी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण करते हुए रिकॉर्ड बनाया है, साथ ही पासीघाट, तेज़ू और ज़ीरो हवाई अड्डों का निर्माण किया है तथा आठ उन्नत ‘लैंडिंग ग्राउंड’ भी विकसित किए हैं। उड़ान योजना के तहत, ये हवाई अड्डे अब आपस में जुड़ गए हैं, जिससे अरुणाचल प्रदेश को अभूतपूर्व सफलता मिली है।’’
खांडू ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह किया कि वह नवीनीकृत उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तर-केंद्रित नीति तैयार करे, ताकि भूभाग, मौसम और रनवे की सीमाओं की चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
उन्होंने गुवाहाटी को क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया, जबकि तेजू, ज़ीरो, मेचुका, विजय नगर, सिलचर और रुकसिन जैसे छोटे हवाईअड्डों को उससे जोड़ने वाले संपर्क बिंदु के रूप में विकसित करने की बात कही।
इस कार्यक्रम में असम, सिक्किम, मिजोरम के मंत्रियों, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), डीजीसीए के अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भाषा यासिर