आभूषणों पर जीएसटी दर तीन प्रतिशत पर अपरिवर्तित, लेकिन उद्योग को मांग बढ़ने की उम्मीद
राजेश राजेश रमण
- 04 Sep 2025, 07:41 PM
- Updated: 07:41 PM
मुंबई, चार सितंबर (भाषा) आभूषण विक्रेताओं ने बृहस्पतिवार को अन्य क्षेत्रों में जीएसटी दरों में कमी करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उद्योग को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा और मांग बढ़ेगी। रत्न एवं आभूषणों पर जीएसटी तीन प्रतिशत पर अपरिवर्तित है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मौजूदा जीएसटी सुधार (जीएसटी 2.0) रत्न एवं आभूषण निर्यातकों को कोई प्रत्यक्ष और तत्काल राहत नहीं देते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को नवीनतम सुधारों से बाहर रखा गया है। ये सुधार अमेरिकी शुल्क के प्रतिकूल प्रभावों की भरपाई नहीं करते, क्योंकि कच्चे माल की लागत और अनुपालन बोझ में कोई बदलाव नहीं हुआ हैं।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि खपत को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करके, जीएसटी में बदलाव लंबी अवधि में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देंगे।
रोकड़े ने कहा, ‘‘22 सितंबर से लागू होने वाली नई दरों से खपत में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, और इस बदलाव का कुल राजकोषीय प्रभाव लगभग 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।’’
जीएसटी परिषद ने बुधवार को हुई अपनी बैठक में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए दरों को तीन प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
जीजेसी के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के लागू होने से, आयकर में राहत और कम जीएसटी दरों के संयुक्त प्रभाव के कारण, उपभोक्ताओं की खर्च करने योग्य आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इस दोहरे लाभ से परिवारों के हाथों में सीधे अधिक पैसा पहुंचेगा, जिससे महत्वाकांक्षी खरीदारी और जीवनशैली में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।’’
गुप्ता ने कहा कि सरलीकृत दो-स्तरीय जीएसटी संरचना और दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर कम कर दरों से खासकर त्योहारी मौसम के दौरान उपभोक्ताओं का विश्वास और खर्च बढ़ेगा।
हालांकि, रिद्धिसिद्धि बुलियंस (आरएसबीएल) के प्रबंध निदेशक पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा सोने और चांदी पर तीन प्रतिशत और आभूषण निर्माण शुल्क पर पांच प्रतिशत जीएसटी बनाए रखने की घोषणा से स्थिरता आई है, लेकिन इसके मिश्रित परिणाम भी मिले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जौहरियों के लिए, इससे उनके कारोबार करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आएगा..।’’
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