भारत ने द्विपक्षीय मुद्दों पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है: पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार
शुभम सुरेश
- 16 Sep 2025, 11:10 PM
- Updated: 11:10 PM
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 16 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि भारत ने द्विपक्षीय मुद्दों पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान, भारत सहित सभी पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है।
डार पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री भी हैं। उन्होंने यह टिप्पणी दोहा में 'अरब-इस्लामिक आपात सम्मेलन' के दौरान अल जजीरा के साथ एक साक्षात्कार में कही। उन्होंने कतर के खिलाफ इजराइल की आक्रामकता के बारे में भी बात की।
जब उनसे भारत के साथ वार्ता या तीसरे पक्ष की भागीदारी को लेकर पाकिस्तान के रुख के बारे में पूछा गया तो डार ने जवाब दिया, ‘‘हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत स्पष्ट रूप से कह रहा है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है...।’’
डार ने याद दिलाया कि जब उन्होंने जुलाई में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की थी और भारत के साथ बातचीत के बारे में पूछा था तो शीर्ष अमेरिकी नेता ने स्पष्ट किया था कि भारत ने कहा है कि यह एक "द्विपक्षीय मुद्दा" है।
डार ने कहा, ‘‘जब मैं 25 जुलाई को वाशिंगटन में रुबियो से मिला तो मैंने उनसे पूछा कि वार्ता का क्या हुआ? उन्होंने (रुबियो ने) कहा कि भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है।’’
जियो न्यूज टीवी के अनुसार, डार ने दोहराया कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जाएगा।
डार ने दोहराया कि पाकिस्तान ने हमेशा बातचीत के माध्यम से संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है और उनका मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है, बशर्ते सभी पक्षों की ओर से ईमानदारी और गंभीरता हो।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। मारे गए लोगों में अधिकतर नागरिक थे।
भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाते हुए सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्धविराम कराया।
भारत का कहना है कि वह आतंकवाद जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ अपनी बातचीत में किसी तीसरे पक्ष को शामिल नहीं करना चाहता, क्योंकि नयी दिल्ली का मानना है कि ये द्विपक्षीय ही रहने चाहिए।
अपने साक्षात्कार में, डार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई में उसने सर्वोच्च बलिदान दिए हैं। उन्होंने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित देश को अब भी भारत दोषी ठहरा रहा है।"
जल संधि को लेकर डार ने आगाह किया कि भविष्य में युद्ध पानी के लिए लड़े जाएंगे और याद दिलाया कि सिंधु जल संधि के तहत भारत जल बंटवारे को एकतरफा निलंबित या रद्द नहीं कर सकता।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि पानी रोकने का कोई भी प्रयास युद्ध की घोषणा माना जाएगा।’’
पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था।
पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के बारे में पूछे जाने पर डार ने कहा कि देश की परमाणु शक्ति पूरी तरह रक्षात्मक है, इसका कभी प्रयोग नहीं किया गया है तथा इसका प्रयोग करने का कोई इरादा भी नहीं है; लेकिन यदि पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला होता है तो वह हर कीमत पर अपनी रक्षा करेगा, चाहे इसमें कोई भी देश शामिल हो।
भाषा शुभम