प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे
शफीक नरेश
- 19 Sep 2025, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को गुजरात में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में भाग लेंगे और भावनगर से 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और बाद में लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का दौरा करेंगे।
बयान में कहा गया है कि समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी समुद्री क्षेत्र से संबंधित 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री इंदिरा डॉक पर बने मुंबई अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह, कोलकाता में एक नए कंटेनर टर्मिनल और संबंधित सुविधाओं तथा पारादीप बंदरगाह पर विभिन्न सुविधाओं और संबंधित विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे।
बयान में कहा गया कि समग्र और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकार की 26,354 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री छारा बंदरगाह पर एक गैस टर्मिनल, गुजरात आईओसीएल रिफाइनरी में ‘एक्रिलिक और ऑक्सो अल्कोहल’ परियोजना, 600 मेगावाट की ‘ग्रीन शू’ पहल, किसानों के लिए पीएम-कुसुम 475 मेगावाट के सौर फीडर और धोरडो गांव के पूर्ण सौरीकरण आदि का उद्घाटन करेंगे।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी एलएनजी अवसंरचना, अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, तटीय संरक्षण कार्यों, राजमार्गों, स्वास्थ्य सेवा और शहरी परिवहन परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें भावनगर में सर टी. जनरल अस्पताल, जामनगर में गुरु गोविंद सिंह सरकारी अस्पताल का विस्तार और 70 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन का बनाना शामिल है।
बयान में कहा गया है कि मोदी लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएचएमसी) का भी दौरा करेंगे और उसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस परिसर का विकास लगभग 4,500 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत की प्राचीन समुद्री परंपराओं का संरक्षण करना तथा पर्यटन, अनुसंधान, शिक्षा और कौशल विकास के केंद्र के रूप में कार्य करना है।
भाषा शफीक