दिल्ली में वीजा फर्जीवाड़ा और ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोप में चार अफ्रीकी नागरिक गिरफ्तार: पुलिस
प्रीति माधव
- 15 Sep 2025, 10:22 PM
- Updated: 10:22 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) दिल्ली के बुराड़ी में अफ्रीका के चार नागरिकों को नियत समय से ज्यादा देश में रहने के लिए वीजा फर्जीवाड़ा करने और नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल का उपयोग करके भारतीयों को ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने यूरोप के लोगों की नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाई और सीमा शुल्क विभाग में फंसे सामान की कहानियां रचकर पीड़ितों को फंसाया। उन्होंने पीड़ितों को बैंक खातों में पैसा स्थानांतरित करने के लिए भी राजी किया।
पुलिस के अनुसार, चोरी की गई रकम एटीएम के माध्यम से निकाली गई या फिर सुराग छिपाने के लिए कई खातों के माध्यम से धनशोधन किया गया।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने बताया, ‘‘दस सितंबर को दर्ज किए गए मामले की जांच के दौरान इन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में अफ्रीका के दो नागरिकों को 355 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान उनके वीजा जाली पाए गए।’’
संदिग्धों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उनके सहयोगी न्वाचुकु बेंजामिन ने फर्जी वीजा का प्रबंध किया था। वह बुराड़ी से काम करता था।
पुलिस ने बुराड़ी के चंद्र विहार में एक घर में छापेमारी की और चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान न्वाचुकु बेंजामिन (33), इमैनुएल इफियानीचुकु (34), पॉल ओलिसामेका (37) और प्रेशियस ओसासेरे (38) के रूप में हुई है। यह सभी नाइजीरिया के नागरिक हैं। ये सभी अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।
पुलिस ने उनके पास से एक लैपटॉप, एक रंगीन प्रिंटर, तीन पेन ड्राइव, सात मोबाइल फोन, दो बैंक पासबुक, पांच एटीएम कार्ड, छह जाली पासपोर्ट और वीजा तथा 17,000 रुपये नकद बरामद किए हैं।
चौहान ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बेंजामिन 2017 में अवैध रूप से भारत में घुसा था और वह अफ्रीकी नागरिकों के लिए फर्जी वीजा बना रहा था। वे सभी अपनी निर्धारित अवधि से अधिक समय तक भारत में रह रहे थे।
उन्होंने बताया कि बेंजामिन ने कथित रूप से पासपोर्ट ‘स्कैन’ किए और वीज़ा पेजों में फर्जीवाड़ा किया, जिसके लिए वह हर नकली दस्तावेज़ के बदले 2,000 से 3,000 रुपये तक वसूलता था।
पुलिस ने इसके अलावा वह भारतीयों को ठगने के लिए एक ऑनलाइन धोखाधड़ी गिरोह भी चला रहा था।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह भारत में नशीले पदार्थ की तस्करी करने वालों और वीज़ा अवधि से अधिक समय तक अवैध रूप से ठहरने वाले विदेशियों को उनकी गैरकानूनी गतिविधियाँ जारी रखने में मदद करता था।
भाषा प्रीति