राजस्थान: मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा की फीस कम करने सहित कई फैसलों को मंजूरी
पृथ्वी जितेंद्र
- 19 Sep 2025, 05:28 PM
- Updated: 05:28 PM
जयपुर, 19 सितंबर (भाषा) राजस्थान मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा की फीस कम करने, दिवंगत कर्मचारियों के माता-पिता व दिव्यांग संतान के लिए पारिवारिक पेंशन के प्रावधानों के सरलीकरण सहित कई फैसलों को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विश्व स्तरीय खेल प्रतिभाएं तैयार करने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर विधेयक लाने को भी मंजूरी दी गयी।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद यह जानकारी दी।
बैरवा ने बताया कि बैठक में ‘द महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जयपुर विधेयक-2025’ के प्रारूप को मंजूरी दी गयी।
यह विधेयक, विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदेश में खेलों और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए प्रतिभाशाली युवाओं को आधुनिक उपकरणों के साथ वैज्ञानिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, विभिन्न खेलों के उच्चस्तरीय कोच एवं खेल विशेषज्ञ तैयार करने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा की गई थी।
डॉ. बैरवा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय खेल विज्ञान, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी और परफॉर्मेन्स एनालिटिक्स पर शोध को बढ़ावा देगा, जिससे खेलों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार आएगा।
यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों और उद्देश्यों के अनुरूप खेलों के विकास के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में भी काम करेगा और राज्य की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निखारने का काम करेगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजमेस के कॉलेजों में एनआरआई कोटा सीट की फीस को तर्कसंगत बनाते हुए संशोधन का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, राजमेस कॉलेजों में एनआरआई सीट की फीस को मैनेजमेंट कोटा की फीस का ढाई गुना किया गया है।
इस संशोधित व्यवस्था से वर्ष 2025-26 प्रवेश सत्र में एनआरआई सीट की फीस घटकर लगभग 23.93 लाख रुपए प्रतिवर्ष रह जाएगी, जो निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की औसत फीस के लगभग बराबर है।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि 5,200 मेगावॉट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सशर्त कीमत भूमि आवंटित करने को भी मंजूरी प्रदान की गयी।
इन इकाइयों की स्थापना से राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन भी होगा।
भाषा पृथ्वी