एपीसीसी प्रमुख ने तेदेपा नीत राजग सरकार पर प्याज किसानों को 'डुबोने' का आरोप लगाया
राखी पवनेश
- 19 Sep 2025, 05:32 PM
- Updated: 05:32 PM
अमरावती, 19 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने प्याज किसानों को ‘‘डुबो’’ दिया है और चेतावनी दी कि उसे (सरकार को) किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि प्याज किसानों को 1.2 लाख रुपये के निवेश पर प्रति एकड़ 3,000 रुपये का मामूली लाभ मिल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें प्रति एकड़ 1.15 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शर्मिला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया, "प्याज किसान डूब चुके हैं। गठबंधन सरकार को प्याज किसानों के अभिशाप का सामना करना पड़ेगा। प्रति एकड़ 1.2 लाख रुपये खर्च करने के बाद, आप 0.5 रुपये प्रति किलोग्राम और 50 रुपये प्रति क्विंटल का दाम दे रहे हैं।"
उन्होंने सवाल किया कि संकट के समय मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार क्या कर रही है।
उन्होंने कहा, "क्या एक कल्याणकारी सरकार का मतलब प्याज किसानों को कर्ज में डुबोना है? जब प्याज किसान आंसू बहा रहे हैं तो राज्य कैसे समृद्ध होगा?"
उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने कुरनूल बाजार में बिचौलियों की मूल्य पेशकश के विपरीत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम मूल्य देने का वादा किया था।
किसान समर्थित होने का प्रचार करने को लेकर राजग सरकार का मजाक उड़ाते हुए शर्मिला ने पूछा कि क्या एक भी किसान को वादे के अनुरूप प्याज के लिए 1,200 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मार्कफेड द्वारा एक किलोग्राम भी प्याज नहीं खरीदा गया है और दावा किया कि किसान 0.5 रुपये प्रति किलोग्राम की कम कीमत पर बेचने के बजाय बाजार में अपनी उपज छोड़ जा रहे हैं।
उन्होंने उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की आगामी फिल्म के लिए सरकार द्वारा टिकट की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी का जिक्र करते हुए कहा, "यह दुखद है कि एक ओर जहां फिल्म टिकट की कीमतें 1,000 रुपये तक बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है, वहीं किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता है।"
उन्होंने मांग की कि सरकार प्याज संकट पर जवाब दे, किसानों की समस्याओं पर विधानसभा में चर्चा करे और मार्कफेड के जरिये वादा किए गए मूल्य को सुनिश्चित करे तथा कुरनूल बाजार में बिचौलियों की मनमानी पर अंकुश लगाए।
टीडीपी की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
भाषा राखी