'हमने अपने परिवार की रीढ़ खो दी': वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत पर उनके परिजन ने कहा
शुभम अविनाश
- 15 Sep 2025, 10:20 PM
- Updated: 10:20 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह के घर शोक की लहर थी तथा लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। आर्थिक मामलों के विभाग में उप-सचिव 52 वर्षीय सिंह अपने परिवार में बुद्धिमत्ता और समर्पण के लिए जाने जाते थे। रविवार दोपहर धौला कुआँ के पास एक लग्जरी कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गयी।
परिवार ने बताया कि सिंह की पत्नी की हालत अब स्थिर है और सुधार हो रहा है। उन्हें दुर्घटना में गंभीर चोट लगने के बाद गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था।
सिंह के करीबी मित्र संदीप ने बताया, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद नवजोत संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने गए थे। उन्होंने कोरिया, जापान और चीन संबंधी डेस्क का भी कार्यभार संभाला था और बुलेट ट्रेन वार्ता के लिए जापान गए दल का हिस्सा थे।"
सिंह का पेशेवर जीवन उपलब्धियों से भरा रहा, जिसका जिक्र उनके शोकाकुल माता-पिता और रिश्तेदारों ने गर्व से किया।
उनके पिता सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी हैं। उन्होंने अपने बेटे को याद करते हुए कहा, "वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ इस साल एक मई को स्पेन दौरे पर गए थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और निजी क्षेत्र के वित्तपोषण पर 178 देशों के समक्ष भाषण दिया। उन्होंने विकासशील देशों के लिए ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाने सहित सार्थक सुझाव दिए।"
उन्होंने कहा कि सिंह दिल से एक राजनयिक थे।
गमगीन पिता ने कहा, "वह बहुत बुद्धिमान था; उसने बीएससी ऑनर्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। हमने अपने परिवार की रीढ़ खो दी है।"
उनकी मां मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रही थीं। उनकी आखिरी कॉल याद करते हुए उन्होंने कहा, "जब चिकित्सक ने नवजोत के फोन से मुझे फोन किया तो मुझे लगा कि वो ही होगा। चिकित्सक ने कहा कि दु्र्घटना हुई है। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ये इतना बड़ा होगा। हमने अपने परिवार की रीढ़ खो दी।"
पड़ोसी और रिश्तेदार बुजुर्ग दंपत्ति को घेरे हुए थे, कुछ प्रार्थना कर रहे थे और कुछ सांत्वना के शब्द कह रहे थे। महिलाएं सिंह की मां को सांत्वना दे रही थीं।
रिश्तेदारों ने बार-बार यह बात दोहराई कि "यदि उन्हें उचित अस्पताल ले जाया जाता तो शायद वह जीवित होते।"
भाषा
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