बंगाल: 3.19 लाख उम्मीदवारों ने एसएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा दी
प्रशांत पारुल
- 07 Sep 2025, 04:14 PM
- Updated: 04:14 PM
कोलकाता, सात सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल एसएससी की स्कूल स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) में करीब 3.19 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। यह परीक्षा रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच राज्य भर के 636 केंद्रों पर आयोजित की गई।
अप्रैल में उच्चतम न्यायालय की ओर से सरकारी स्कूलों में 26,000 से अधिक नियुक्तियों को रद्द किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा आयोजित यह पहली शिक्षक भर्ती परीक्षा है। न्यायालय ने कहा था कि 2016 में आयोजित भर्ती प्रक्रिया “दागी और दोषपूर्ण” थी।
कक्षा नौ और 10 के सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा दोपहर 12 बजे शुरू हुई और 1.30 बजे समाप्त हुई, जबकि विशेष रूप से सक्षम उम्मीदवारों के लिए 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था।
परीक्षा केंद्रों पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी, जिसमें परीक्षा स्थल से 100 मीटर की दूरी पर नाका जांच तथा गेट और परिसर में कई बार जांच शामिल थी।
सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक अभ्यर्थी को परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले सुबह 10 बजे से ही केंद्रों पर पहुंचने के लिए कहा गया था। परीक्षा में बिहार और उत्तर प्रदेश के कई प्रतिभागी भी शामिल हुए।
प्रवेश द्वारों पर प्रवेश पत्रों की जांच के लिए बारकोड स्कैनर का इस्तेमाल किया गया तथा केवल पेन (जो केंद्रों पर उपलब्ध थे) को ही अंदर ले जाने की अनुमति थी।
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या मोबाइल फोन को साथ रखने की अनुमति नहीं थी। यहां तक कि परीक्षा केंद्र के पर्यवेक्षकों और एसएससी अधिकारियों के भी परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक थी।
डब्ल्यूबीएसएससी ने अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले अभ्यर्थियों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक प्रश्न पत्र पर कुछ विशिष्ट पहचान सुरक्षा विशेषताएं जोड़ीं।
पहली बार अभ्यर्थियों को उनके प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट की कार्बन प्रतियां घर ले जाने की अनुमति दी गई, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह कदाचार रोकने के लिए एक पारदर्शिता उपाय है।
पहली बार परीक्षा दे रहे कई परीक्षार्थियों ने कहा कि प्रश्न सरल थे, जबकि अन्य का मानना था कि अगर उन्होंने बेहतर तैयारी की होती तो उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता था।
नौकरी गंवाने वाला एक शिक्षक, जिसकी नियुक्ति 2016 के उस समूह में हुई थी, जिसकी भर्ती शीर्ष अदालत ने रद्द कर दी थी, भी परीक्षा में बैठा। उसने कहा कि “खुद को अपडेट” करने की जरूरत है।
न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नौकरी खोने वाली 55 वर्षीय एक अन्य महिला परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले रो पड़ी और कहा, “क्या आपको लगता है कि सात साल तक शिक्षक रहने के बाद एक युवा छात्र जैसी तैयारी संभव है? मेरी कोई तैयारी नहीं है, क्योंकि मैं मानसिक रूप से इस दर्द को झेलने में सक्षम नहीं हूं।”
नौकरी खो चुके कई अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि सात साल तक अध्यापन करने के बाद नये अभ्यर्थियों के साथ परीक्षा देने के कारण वे “मानसिक और भावनात्मक पहलू पर बहुत तनाव मससूस कर रहे” थे।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे “डबल इंजन सरकारों” वाले राज्यों के उम्मीदवार परीक्षा देने के लिए पश्चिम बंगाल आए, क्योंकि उनके गृह राज्यों में भर्ती प्रक्रिया या तो रुकी हुई है या अविश्वसनीय है।
घोष ने बांग्ला में पोस्ट किया कि “योगी राज्य” और अन्य राज्यों के नौकरी चाहने वाले लोग पश्चिम बंगाल की एसएससी परीक्षा दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें उनके राज्यों में परीक्षा के बार-बार स्थगित होने और अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ने कभी भी गैर-निवासियों को राज्य भर्ती परीक्षा देने से नहीं रोका।
घोष ने कहा, “किसी ने यह नहीं कहा कि बंगाल की परीक्षाएं सिर्फ बंगालियों के लिए हैं। किसी ने उन्हें परेशान या अपमानित नहीं किया। किसी ने उन्हें रोका नहीं।”
भाजपा नेता सजल घोष ने कहा कि अन्य राज्यों के कुछ अभ्यर्थियों ने भी परीक्षा दी होगी, क्योंकि वे भी देश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के अभ्यर्थी भी अन्य राज्यों में परीक्षा देते हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता शतरूप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार को अब अन्य राज्यों के उम्मीदवारों से भी “कट मनी” लेने का मौका मिलेगा।
यह परीक्षा स्कूलों में लगभग 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी जाने के बाद आयोजित की जा रही है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 2016 में आयोजित भर्ती प्रक्रिया को ‘‘दोषपूर्ण’’ करार दिया था।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने बताया कि अगले रविवार को कक्षा 11 और 12 के सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा में 478 केंद्रों पर 2.46 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे।
उच्चतम न्यायालय ने डब्ल्यूबीएसएससी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि जिन शिक्षकों की पहचान अनुचित तरीके से नौकरी पाने वाले के रूप में हुई है, उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होने दिया जाए।
इसके बाद, डब्ल्यूबीएसएससी ने ऐसे 1,806 'दागी' शिक्षकों के नामों की घोषणा की थी।
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