केरल के व्यक्ति की मौत पर रहस्य गहराया, पुलिस को अबतक शव का कोई अवशेष नहीं मिला
राजकुमार सुरेश
- 04 Sep 2025, 07:45 PM
- Updated: 07:45 PM
कोझिकोड (केरल), चार सितंबर (भाषा) केरल के कोझिकोड जिले में पांच साल से भी पहले नशीली दवाओं के ओवरडोज के उपरांत 35-वर्षीय एक व्यक्ति को कथित तौर पर दफनाने के आरोप में उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार किये जाने के बाद भी उसकी संदिग्ध मौत का रहस्य अब तक अनसुलझा है।
कोझिकोड पुलिस ने 25 अगस्त को एरंजपालम से निखिल (35) और वेंगेरी से एस दीपेश (27) को गिरफ्तार किया था।
दोनों पर अपने दोस्त वेस्ट हिल निवासी विजिल को गुप्त रूप से दफनाने का आरोप है।
इन दोनों का दावा है कि विजिल की मृत्यु 24 मार्च, 2019 को हो गयी। विजिल को कथित रूप से नादकावु के सरोवरम बायो पार्क के पास दलदली भूमि में दफनाया गया।
कोझिकोड टाउन के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अशरफ थेंगिलाकांडियिल ने कहा, ‘‘इससे पहले, हमने आरोपियों द्वारा बतायी गयी जगह से शव बरामद करने का प्रयास किया था, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। दलदली ज़मीन अब पानी में डूब गई है। पानी कम होने पर हम उस जगह की फिर से खुदाई करेंगे।’’
विजिल 24 मार्च, 2019 को सुबह घर से निकलने के बाद लापता हो गया था।
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया। जब पुलिस ने उसके मोबाइल टावर के आधार पर यह पता करने की कोशिश कि वह आखिरी बार कहां था, तब पता चला कि उस दिन दोपहर दो बजे तक सरोवरम पार्क के पास उसका मोबाइल सक्रिय था।
जांचकर्ताओं ने उसके दोस्तों- निखिल, दीपेश और पूवथुपरम्बु निवासी रंजीत (जो अभी फरार है) से पूछताछ की। कोई सुराग न मिलने पर मामला अंततः ठंडा पड़ गया।
एसीपी ने कहा, ‘‘हाल में, लंबित अनसुलझे मामलों की समीक्षा के तहत, हमने इस फाइल पर दोबारा गौर किया। पूछताछ के दौरान, निखिल और दीपेश ने विरोधाभासी बयान दिए। बाद में, उन्होंने कबूल किया कि दरअसल 24 मार्च को क्या हुआ था।’’
पुलिस के मुताबिक, चारों दोस्तों ने सरोवरम पार्क में एक सुनसान जगह पर ब्राउन शुगर का सेवन किया। कथित तौर पर इस सेवन के बाद विजिल बेहोश हो गया। यह मानकर कि उसकी मौत हो गई है, अन्य तीन घबरा गए और उन्होंने उसकी लाश छिपा दी।
एलाथूर थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों ने दावा किया कि उन्होंने विजिल की मोटरसाइकिल रेलवे स्टेशन के पास छोड़ दी, उसका मोबाइल फोन फेंक दिया और दो दिन बाद उसके शव को एक दलदली भूमि में फेंक दिया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने यह भी दावा किया कि वे कुछ महीने बाद उस स्थान पर वापस आए, कंकाल के अवशेषों का कुछ हिस्सा एकत्र किया और अपराध बोध से प्रेरित अनुष्ठान के तहत उन्हें वर्कला में विसर्जित कर दिया।’’
इसके बावजूद, पुलिस को घटनास्थल पर कोई अवशेष नहीं मिला है। बड़ी मशीन से खुदाई करने पर भी कुछ नहीं मिला। ऐसे में खोज में सहायता के लिए पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र को बुलाया गया है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304, 201, 297 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने निखिल और दीपेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई और सुराग नहीं मिला।
इस बीच, विजिल के माता-पिता ने आरोपियों के बयान को खारिज करते हुए कहा है कि उनके बेटे ने कभी मादक पदार्थ का सेवन नहीं किया।
उनका आरोप है कि उसकी हत्या की गई होगी। हालांकि पुलिस ने कहा कि इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।
भाषा राजकुमार