गुकेश ने विश्व चैम्पियनशिप की दूसरी बाजी में लिरेन से ड्रा खेला
आनन्द सुधीर
- 26 Nov 2024, 06:22 PM
- Updated: 06:22 PM
सिंगापुर, 26 नवंबर (भाषा) भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने मंगलवार को यहां विश्व शतरंज चैम्पियनशिप की दूसरी बाजी में गत चैंपियन डिंग लिरेन से ड्रा खेला।
चौदह बाजियों के इस मैच के शुरुआती मुकाबले को सोमवार को गंवाने वाले गुकेश ने काले मोहरों से खेलते हुए चीन के अनुभवी खिलाड़ी को ड्रा पर रोककर अच्छी वापसी की।
पहला मुकाबला जीतने वाले लिरेन के पास अब 1.5-0.5 की बढ़त है।
चेन्नई के खिलाड़ी ने मुकाबला ड्रॉ होने के बाद कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप मैच में काले मोहरों के साथ ड्रा हमेशा अच्छा होता है। यह मैच अभी शुरुआती चरण में है और हमारे पास अभी काफी समय है।’’
अठारह वर्षीय गुकेश विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के दावेदार हैं और वह विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बनने की कोशिश कर रहे हैं। आनंद ने अपने शानदार करियर में पांच बार यह खिताब अपने नाम किया है।
गकेश शुरुआती मुकाबले में जहां अपनी चालों को लेकर संघर्ष कर रहे थे वहीं दूसरे दिन उन्होंने कोई गलती नहीं की।
एक अंक की बढ़त होने के कारण लिरेन ने भी भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ आक्रामक रूख अपना कर ज्यादा जोखिम लेना सही नहीं समझा। गुकेश ने काले मोहरों से अपनी 23वीं चाल के बाद ड्रॉ के लिए सहमति जता दी।
लिरेन ने पिछला विश्व चैंपियनशिप खिताब रूस के इयान नेपोमनियाचची के खिलाफ तीन बार पिछड़ने के बाद जीता था। ऐसे में गुकेश के पास भी वापसी का पूरा मौका है।
गुकेश ने कहा, ‘‘ विश्व चैम्पियनशिप में खेलने वाले किसी भी खिलाड़ी पर दबाव होना लाजमी है। यहां बहुत दबाव है। मैं हालांकि इसे एक चुनौती के तौर पर देख रहा हूं कि मैं इतने सारे लोगों और अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक समय में एक मैच पर ध्यान दे रहा हूं। उम्मीद है कि चीजों को अपने पक्ष में कर पाउंगा।’’
इस चैम्पियनशिप में 7.5 अंक तक पहुंचने वाला खिलाड़ी विजेता बनेगा। इसकी पुरस्कार राशि 2.5 मिलियन डॉलर है।
चीन के 32 साल के लिरेन ने कहा कि वह दूसरी बाजी को ड्रॉ करके संतुष्ट है।
उन्होंने कहा, ‘‘ शुरुआती मुकाबले में मैंने कुछ नया आजमाया था और जाहिर है ऐसा करने के लिए आपको काफी याददाश्त की जरूरत होती है। मैंने आज भी लीक से हटकर कुछ प्रयास किया। मैंने इस तरह की चालों के लिए काफी तैयारी की है।’’
भाषा आनन्द