पीपीपी मॉडल के जरिये सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत: शिवराज
राजेश राजेश प्रेम
- 28 Nov 2024, 08:43 PM
- Updated: 08:43 PM
नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये किसानों को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत पर बृहस्पतिवार को बल दिया।
चौहान ने 13वें राष्ट्रीय बीज कांग्रेस (एनएससी) 2024 का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
इस तीन-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन वाराणसी में स्थित 'अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र' (आईएसएआरसी) में किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों, विद्वानों और किसानों सहित 700 से अधिक प्रतिनिधि बीज क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों और प्रगति पर विचार-विमर्श करेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, चौहान ने वैश्विक बीज क्षेत्र में भारत के बढ़ते नेतृत्वकारी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत की जैव विविधता, अनुसंधान क्षमता और नवीन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बीज कांग्रेस ज्ञान के आदान-प्रदान, साझेदारी को बढ़ावा देने और बीज प्रणालियों को मजबूत करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु चुनौतियों का समाधान करने और छोटे किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीजों तक पहुँच प्रदान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
चौहान ने कहा, ‘‘मैं विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से बीजों को अधिक सुलभ, किफायती और प्रभावशाली बनाने के लिए कार्रवाई योग्य रणनीति विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।’’
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी अपने राज्य में कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
शाही ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में कृषि को आगे बढ़ाने की समृद्ध परंपरा है और वाराणसी में इस कांग्रेस की मेजबानी करना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह आयोजन हमें अत्याधुनिक नवाचारों के साथ जुड़ने और हर किसान तक पहुंचने वाली स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने का अवसर देता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तिलहन और मोटे अनाजों की खेती में वृद्धि के साथ 200 बीज पार्कों की हमारी योजना उत्तर प्रदेश की कृषि नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत करेगी।’’
केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने भारतीय कृषि को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बीज क्षेत्र को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
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