बहराइच हिंसा : पुलिस से मुठभेड़ में पांच आरोपी गिरफ्तार
सं जफर सलीम खारी अविनाश
- 17 Oct 2024, 05:53 PM
- Updated: 05:53 PM
बहराइच (उप्र), 17 अक्टूबर (भाषा) बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पांच आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार दोपहर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ भारत—नेपाल सीमावर्ती नानपारा कोतवाली क्षेत्र में सरयू मुख्य नहर के निकट हाड़ा बसेहरी में हुई।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में एक युवक की गोली मार कर हत्या के मामले में आज बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों के नाम मोहम्मद फ़हीम, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल हैं।
उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर को एक युवक की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के लिए पुलिस फहीम और तालिब की निशानदेही पर उन्हें लेकर गई तो उन्होंने वहां रखे हथियारों से पुलिस दल पर गोलियां चलायीं।
कुमार ने बताया कि जवाबी गोलीबारी में दोनों को गोलियां लगीं और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने कहा कि दोनों का उपचार कराया जा रहा है और हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद हो गया है।
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि आज पकड़े गये आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे, तभी उन्हें सीमावर्ती नानपारा थाना क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान हुई मुठभेड़ में दो आरोपियों मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिब गोली लगने से घायल हुए हैं। और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि एक अन्य आरोपी राजा उर्फ साहिर उर्फ दानिश को बुधवार दोपहर नेपाल भागते समय गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आज पकड़े गये पांच आरोपियों में से तीन- अब्दुल हमीद, सरफराज और फहीम रविवार को दर्ज हत्या के मुकदमे में नामजद थे जबकि तालिब और अफजाल के नाम जांच में सामने आए थे।
इस मुकदमे में अब तक 10 में से छह आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बाकी चार की तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में घायल होने के बाद सरफराज और तालिब को पहले नानपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और वहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को बहराइच जिला अस्पताल रेफर किया गया।
महसी तहसील के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान एक प्रार्थना स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान गोली लगने से 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी। घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी हुई और उग्र भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग लगा दी।
स्थानीय स्वास्थ्य सेवा केंद्र के एक डॉक्टर ने बताया, ''दो लोगों को दोपहर बाद करीब दो बजकर 35 मिनट पर यहां लाया गया था। उनमें से एक का नाम सरफराज और दूसरे का नाम तालिब था। उनमें से एक के बाएं पैर में और दूसरे के दाएं पैर में चोटें आई हैं। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर है। गोली अब भी शरीर के अंदर है। मैंने उन्हें एक्स-रे और आगे की देखभाल के लिए बहराइच जिला अस्पताल रेफर कर दिया है।''
इस बीच, गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने के आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने एक वीडियो में कहा, ''कल शाम चार बजे मेरे पिता अब्दुल हमीद, मेरे दो भाइयों सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स पकड़कर ले गयी थी। मेरे पति और मेरे देवर को पहले ही पकड़ लिया गया है। किसी भी थाने से उनकी कोई खबर नहीं मिल रही है। हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं।''
मुठभेड़ के तुरंत बाद मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने राज्य में 'बड़े पैमाने पर अपराध' का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि क्या कानून और व्यवस्था के मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए 'दंगे और मुठभेड़' किए जा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ''भाजपा-योगी सरकार में अपराध बेतहाशा हो रहे हैं, महिलाओं, बहनों और बेटियों के आभूषण चोरी और छीने जा रहे हैं। क्या इन अपराधों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए दंगे भड़काए जा रहे हैं और क्या मामले को दबाने के लिए मुठभेड़ की जा रही है?''
भाषा सं जफर सलीम खारी