पराली मुद्दा : न्यायालय सीएक्यूएम की अनुपालन रिपोर्ट पर तीन अक्टूबर को कर सकता है विचार
प्रीति अविनाश
- 02 Oct 2024, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए दिए गए निर्देशों को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की अनुपालन रिपोर्ट पर बृहस्पतिवार को विचार कर सकता है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
यह सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 27 सितंबर को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने के चलते राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने में नाकाम रहने को लेकर सीएक्यूएम को फटकार लगाई थी तथा कहा था कि इसे और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।
पीठ ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए गठित आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर असंतोष जताते हुए कहा था कि सीएक्यूएम को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसके आसपास के क्षेत्रों में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
न्यायालय ने कहा था कि आयोग को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि पराली जलाने के विकल्पों का इस्तेमाल जमीनी स्तर पर हो।
पीठ ने कहा था कि आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए कि पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराए गए उपकरणों का किसानों द्वारा इस्तेमाल किया जाए।
शीर्ष अदालत ने आयोग को एक बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सीएक्यूएम के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने न्यायालय को बताया था कि उन्होंने पंजाब और हरियाणा के उपायुक्तों के साथ बैठक की है। यहीं पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं।
शीर्ष अदालत ने 24 सितंबर को सीएक्यूएम से पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताने के लिए कहा था।
भाषा
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