भारत व यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता के तहत इस्पात, मोटर वाहन, कार्बन कर मुद्दों पर बातचीत रखेंगे जारी
निहारिका मनीषा
- 29 Oct 2025, 12:29 PM
- Updated: 12:29 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत इस्पात, मोटर वाहन और कार्बन कर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हो गए हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह बात कही।
इसमें कहा गया है कि भारत ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी एवं पूर्वानुमानित नियामक ढांचे के निर्माण के अलावा समझौते में शुल्क एवं गैर-शुल्क दोनों बाधाओं के निवारण को सुनिश्चित करने की भी वकालत की है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की तीन दिवसीय ब्रुसेल्स यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा हुई।
उन्होंने यूरोपीय संघ के व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफ्कोविक से मुलाकात की और मौजूदा वार्ता को गति दी।
मंत्री की आधिकारिक यात्रा 28 अक्टूबर को संपन्न हुई।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ वे इस बात पर भी सहमत हुए कि इस्पात, मोटर वाहन, सीबीएएम (कार्बन सीमा समायोजन तंत्र) और अन्य यूरोपीय संघ के नियमों से संबंधित मुद्दों पर अभी और चर्चा की आवश्यकता है क्योंकि ये मुद्दे अधिक संवेदनशील हैं।’’
यूरोपीय संघ ने सीबीएएम एवं ईयूडीआर (वन विनाश विनियमन) जैसे नियमों की घोषणा की है जिन पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है।
सीबीएएम के तहत यूरोपीय संघ को इस्पात, एल्युमीनियम और सीमेंट के भारतीय निर्यात पर 20-35 प्रतिशत तक का शुल्क लग सकता है।
ब्रुसेल्स में हुई वार्ता के दौरान गोयल ने भारत की प्रमुख मांगों (विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों के संबंध में) को तरजीह देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसमें कहा गया है, ‘‘ दोनों पक्ष गैर-संवेदनशील औद्योगिक शुल्क लाइन को अंतिम रूप देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’’ साथ ही गैर-शुल्क उपायों एवं नए यूरोपीय संघ के नियमों पर भारत की चिंताओं पर भी अच्छी चर्चा हुई।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने 2025 के अंत तक प्रस्तावित एफटीए समझौते के लिए वार्ता को पूरा करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
गोयल की यह यात्रा दोनों पक्षों के बीच 6-10 अक्टूबर तक हुई 14वें दौर की वार्ता के समापन के बाद हो रही है।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय आयोग (ईसी) के व्यापार महानिदेशक (डीजी-ट्रेड) सबाइन वेयंड के साथ भी बातचीत की थी।
भारत और यूरोपीय संघ ने आठ वर्ष से अधिक समय के अंतराल के बाद जून 2022 में एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते, एक निवेश संरक्षण समझौते एवं भौगोलिक संकेतकों पर एक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू की। बाजारों को खोलने के स्तर पर मतभेदों के कारण यह बातचीत 2013 में रुक गई थी।
वित्त वर्ष 2024-25 में यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर (75.85 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात और 60.68 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात) था जिससे यह वस्तुओं के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
भाषा निहारिका