क्वात्रा ने अमेरिकी सीनेटर रोसेन के साथ हाइड्रोकार्बन व्यापार, एआई के मुद्दे पर बातचीत की
वैभव मनीषा
- 29 Oct 2025, 12:26 PM
- Updated: 12:26 PM
वाशिंगटन, 29 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता की पृष्ठभूमि में, अमेरिकी सीनेटर जैकी रोसेन के साथ हाइड्रोकार्बन में बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार, एआई सहयोग की संभावनाओं और आतंकवाद-रोधी प्रयासों पर चर्चा की।
भारतीय राजदूत ने कहा कि सीनेटर रोसेन के साथ उनकी सार्थक बातचीत हुई। रोसेन सीनेट की विदेश संबंध निकट पूर्व, मध्य, दक्षिण एशिया और आतंकवाद-रोधी उप-समिति की वरिष्ठ सदस्य भी हैं।
क्वात्रा ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘उन्हें हमारे वर्तमान व्यापारिक संबंधों और हाइड्रोकार्बन में बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार के बारे में जानकारी दी।’’
क्वात्रा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में तेजी से प्रगति के बीच, दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
क्वात्रा ने कहा, ‘‘हमने एआई में विकास के सामाजिक अनुप्रयोगों और इस क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।’’
भारतीय राजदूत ने अमेरिका और भारत के बीच आतंकवाद-रोधी सहयोग का समर्थन करने के लिए रोसेन की सराहना भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद सहित क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के समक्ष चुनौतियों से निपटने में हमारे देशों के बीच आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए उनके निरंतर समर्थन की सराहना करता हूं।’’
एक अधिकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता पूरा होने के ‘‘बहुत करीब’’ है।
अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा, ‘‘जहां तक समझौते का सवाल है, हम बहुत निकट हैं।’’
बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत कोई भी समझौता जल्दबाजी में नहीं करेगा।
अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध गंभीर तनाव में हैं। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क भी शामिल है।
भारत ने इन शुल्कों को अनुचित और पक्षपातपूर्ण बताया है।
भाषा वैभव