सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘जोड़े साहिब’ के सुरक्षित रखरखाव के लिए सिफारिशें सौंपी
सुभाष अविनाश
- 19 Sep 2025, 05:51 PM
- Updated: 05:51 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित एक सिख प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुरु गोविंद सिंह और उनकी पत्नी की पादुकाओं 'जोड़े साहिब' के सुरक्षित रखरखाव और उपयुक्त प्रदर्शनी के लिए सिफारिशें सौंपी।
मोदी ने कहा कि ये पवित्र निशानियां आने वाली पीढ़ियों को सिखों के 10वें और अंतिम गुरु द्वारा दिखाये गए साहस, धर्म, न्याय और सामाजिक सद्भाव के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगी।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘जोड़े साहिब’ जैसे अहम और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण पवित्र निशानियां, गौरवशाली सिख इतिहास का उतना ही हिस्सा हैं जितना कि वे राष्ट्र के सांस्कृतिक लोकाचार की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सिख प्रतिनिधिमंडल के प्रतिष्ठित सदस्यों का स्वागत करते हुए बहुत खुशी हुई, जिन्होंने श्री गुरु गोविंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के अत्यंत पवित्र 'जोड़े साहिब' के सुरक्षित रखरखाव और उपयुक्त प्रदर्शनी के संबंध में अपनी सिफारिशें सौंपी।’’
पुरी ने उल्लेख किया कि उनका परिवार इन पवित्र निशानियों की सेवा तब से करता आ रहा है जब 300 वर्ष से भी अधिक समय पहले गोविंद सिंह और उनकी पत्नी ने इन्हें उनके पूर्वजों को प्रदान किया था।
उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज को 10वें गुरु की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे पूर्वज ने गुरु साहिब से अनुरोध किया था कि वे उन्हें पवित्र 'जोड़े साहिब' को बनाए रखने की दिव्य अनुमति प्रदान करें ताकि गुरु साहिब और माता जी का सीधा आशीर्वाद उनके परिवार और आने वाली पीढ़ियों पर बना रहे।’’
पुरी ने बताया कि अंतिम संरक्षक उनके चचेरे भाई सरदार जसमीत सिंह पुरी थे, जो करोल बाग में रहते थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘चूंकि अब मैं परिवार के सबसे बड़े सदस्यों में से एक हूं, इसलिए उनकी पत्नी मनप्रीत जी ने मुझे इन पवित्र निशानियों के लिए एक उपयुक्त स्थान खोजने के लिए पत्र लिखा ताकि श्रद्धालु अधिक संख्या में श्रद्धेय 'जोड़े साहिब' के दर्शन कर सकें।’’
पुरी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने निशानियों की प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए कार्बन परीक्षण सहित उनकी अन्य जांच की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपनी सिफारिशें सौंपी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को एक रिपोर्ट भी सौंपी।
पुरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का हमारी संगत के प्रति अतुलनीय स्नेह पिछले ग्यारह वर्षों में उनके दूरदर्शी नेतृत्व में लिए गए कई दूरदर्शी निर्णयों में नजर आता है। उन्होंने कई सिख धार्मिक स्थलों के संवर्धन और इन तीर्थस्थलों तक बेहतर संपर्क और पहुंच सुनिश्चित करने से संबंधित मामलों में गहरी व्यक्तिगत रुचि भी ली।’’
भाषा सुभाष