हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने चार विभागों में 4,200 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी दी
यासिर अविनाश
- 15 Sep 2025, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
शिमला, 15 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने बिजली, राजस्व, स्वास्थ्य और पंचायती राज विभागों में विभिन्न श्रेणियों के 4,200 से अधिक खाली पदों को भरने की सोमवार को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में कर्मचारियों की भारी कमी को दूर करने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई। बैठक में टी/मेट्स (प्रारंभिक स्तर का तकनीकी पद) के एक हजार पदों को भरने का निर्णय लिया गया।
यहां जारी एक बयान में कहा गया कि मंत्रिमंडल ने राज्य कैडर के अंतर्गत प्रशिक्षु आधार पर पटवारियों के 645 पदों को भरने को भी मंजूरी दे दी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों में 300 प्रशिक्षुओं को एक निश्चित मासिक वजीफे पर नियुक्त करने की भी मंजूरी दी गई है ताकि पंचायती राज संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण, अनुभव और सहायता के ज़रिए प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार किया जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य भर में स्वास्थ्य विभाग में 200 चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षुओं के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया और राज्य भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षुओं के रूप में स्टाफ नर्सों के 400 पदों को भरने की मंजूरी दी।
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 38 पद सृजित करने और उन्हें भरने के अलावा हिमाचल प्रदेश सचिवालय में स्टेनो-टाइपिस्ट के 25 पद सृजन करने को भी मंजूरी दी गई।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सोलन जिले में थानों के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी गई ताकि इसके कामकाज को सुचारू बनाया जा सके तथा विभिन्न श्रेणियों के पांच नए पदों को सृजित करने के बाद उन्हें भरा जा सके।
मंत्रिमंडल ने उच्च ग्रेड वेतन से संबंधित छह सितंबर की अधिसूचना को वापस लेने को मंजूरी दे दी। इस अधिसूचना के अनुसार, वेतन पुनः निर्धारित करने के बाद लगभग 14 हजार कर्मचारियों को प्रति माह पांच हजार से 15 हजार रुपये तक का नुकसान हो सकता था। कर्मचारियों के विरोध के बाद आठ सितंबर को इस अधिसूचना को स्थगित कर दिया गया था।
अगले शैक्षणिक सत्र से 100 सरकारी स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध करने को भी मंजूरी दी गई।
भाषा यासिर