बंगाल: शिक्षक भर्ती परीक्षा में 2.20 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए
राजकुमार दिलीप
- 14 Sep 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 14 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में 11वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती के वास्ते रविवार को लगभग 2.20 लाख अभ्यर्थियों ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की परीक्षा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि यह संख्या कुल 2.46 लाख पंजीकृत अभ्यर्थियों का लगभग 93 प्रतिशत है।
नौ साल बाद हो रही यह स्कूल स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) राज्य भर के 478 केंद्रों पर आयोजित की गयी।
बसु ने बताया कि 13,517 अभ्यर्थी राज्य के बाहर से थे, जिनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के थे।
अधिकारियों के मुताबिक, सात सितंबर को नौवीं और 10वीं कक्षा के सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 636 केंद्रों पर आयोजित पहले चरण की परीक्षा में 3.19 लाख अभ्यर्थियों में 91 प्रतिशत शामिल हुए थे।
उनमें से 31,362 बंगाल के बाहर से थे, जिनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के थे।
बसु ने कहा, ‘‘मैं कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि भाजपा शासित राज्यों में ‘डबल इंजन’ वाली सरकारें बेरोजगारी से निपटने और वहां के शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में कितनी सफल या असफल रही हैं।’’
ये नयी भर्ती परीक्षाएं इसलिए आयोजित की जा रही हैं, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद लगभग 26,000 स्कूली शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त हो गई थीं। उच्चतम न्यायालय ने 2016 में हुई भर्ती प्रक्रिया को ‘दागी’ करार दिया था।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग को धन्यवाद देते हुए बसु ने कहा, ‘‘अभ्यर्थियों द्वारा ओएमआर शीट और कॉपियों के संरक्षण पर बहुत ज़ोर दिया गया है। मूल्यांकन (कॉपियों की जांच) और योग्य अभ्यर्थियों के साक्षात्कार निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे। लेकिन मैं विपक्ष के सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे अभ्यर्थियों की आशाओं, आकांक्षाओं और सपनों तथा उनमें से कई लोगों की स्थिति पर विचार करें। हमने एक निष्पक्ष, पारदर्शी प्रक्रिया शुरू की है और सरकार योग्य अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखती है।’’
योग्य शिक्षक अधिकार मंच के सदस्य और उम्मीदवारों में से एक, चिन्मय मंडल ने कहा, ‘‘हमने 2016 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, फिर भी संस्थान के एक वर्ग के भ्रष्टाचार के कारण हमें अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं। आज फिर मेरी परीक्षाएं अच्छी रहीं। मुझे उम्मीद है कि आयोग की गलती के कारण मुझे फिर से परिस्थितियों का शिकार नहीं होना पड़ेगा।’’
भाषा राजकुमार