उप्र: गाजियाबाद में नोट बदलने और साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार
आनन्द जितेंद्र
- 12 Sep 2025, 08:37 PM
- Updated: 08:37 PM
गाजियाबाद, 12 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने नोट बदलने के नाम पर अधिक रुपये देने का झांसा देने और साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों के पास से 25.60 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शुभम राज उर्फ बाबा, प्रदीप कुमार, धीरज मिश्रा, सोनू कुमार, अमरजीत कुमार और अनुराग के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी बृहस्पतिवार देर रात गाजियाबाद के कवि नगर थानाक्षेत्र के गौर सिद्धार्थम सोसाइटी स्थित एक फ्लैट से हुई।
एसटीएफ ने एक बयान में बताया कि गिरोह के पास से नोट गिनने की एक मशीन, आठ मोबाइल फोन, एक तमंचा, तीन कारतूस, नकली आधार कार्ड और एक टाटा सफारी एसयूवी भी जब्त की गई है।
एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह बड़े नोटों के बदले ज्यादा पैसे देने का लालच देकर लोगों को गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किराए पर लिए गए फ्लैटों में बुलाता था।
एसटीएफ के मुताबिक, पीड़ित जब पैसे लेकर आते तो आरोपी उन्हें ठगने के लिए नोटों के आधे असली बंडलों का इस्तेमाल करते थे, जिनमें सिर्फ ऊपरी परत असली होती थी और बाकी कागजों से भरी होती थी।
एसटीएफ ने बताया कि गिरोह ने साइबर धोखाधड़ी के कथित लेन-देन के लिए बैंक खाते भी उपलब्ध कराए थे, जिनमें लोन ऐप और गेमिंग ऐप से जुड़े खाते भी शामिल हैं।
एसटीएफ के मुताबिक, इनसे जुड़े लगभग 100 बैंक खातों का विवरण बरामद किया गया है।
एसटीएफ ने बताया कि 1.09 करोड़ रुपये से अधिक की 25 से अधिक साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें मिली हैं, जो इस गिरोह से जुड़ी हैं।
बयान के मुताबिक, पूछताछ के दौरान, मुख्य आरोपी शुभम राज ने पुलिस को बताया कि उसने 2023 में दिल्ली में अपना गिरोह बनाने से पहले बिहार के एक अन्य धोखेबाज से यह चाल सीखी थी।
अधिकारियों ने बताया कि शुभम राज ने यह भी खुलासा किया कि कुछ बैंक कर्मचारियों ने आर्थिक लाभ के बदले धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लिए कथित तौर पर खाते उपलब्ध कराकर उसकी मदद की थी।
एसटीएफ ने बताया कि कवि नगर थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
भाषा आनन्द