‘ऑपरेशन सिंदूर’ हमारी तैयारियों की पड़ताल; भविष्य की युद्ध आवश्यकताओं के अनुरूप ढलना होगा: रक्षा सचिव
नेत्रपाल दिलीप
- 12 Sep 2025, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
पुणे, 12 सितंबर (भाषा) रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘‘वास्तविकता की पड़ताल’’ बताया और कहा कि भविष्य के युद्ध की बदलती जरूरतों के अनुसार खुद को ढालना महत्वपूर्ण है।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था।
दक्षिणी कमान द्वारा आयोजित प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र (स्ट्राइड-2025) संगोष्ठी से इतर पत्रकारों के साथ बातचीत में सिंह ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों के चलते रक्षा और कठोर शक्ति (हार्ड पावर) पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित हुआ है, तथा भारत कोई अपवाद नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में यह बिलकुल स्पष्ट है कि अधिकतर देश रक्षा और सैन्य शक्ति पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं। हमारे पड़ोस को देखते हुए, भारत कोई अपवाद नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के साथ हमारा अनुभव कुछ मायनों में हमारे लिए एक वास्तविकता की परीक्षा था - इस संदर्भ में कि हम कहाँ बेहतर कर सकते हैं और भविष्य के युद्ध की बदलती जरूरतों के अनुसार हमें कहाँ अनुकूलन करने की आवश्यकता है।’’
ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों से उत्पन्न खतरे का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए विशिष्ट क्षमता क्षेत्रों की पहचान की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में, कुछ क्षमता संबंधी कमियाँ देखी गईं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, मानवरहित प्रणालियों का मुकाबला, सैन्य-स्तर के ड्रोन के लिए एक मज़बूत विनिर्माण आधार, जो जीपीएस की गैर मौजूदगी और प्रतिकूल वातावरण में भी टिके रहें, और विभिन्न प्रकार के निम्न-स्तरीय रडार शामिल हैं।’’
सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तावित मिशन सुदर्शन चक्र पहल की सराहना की और कहा कि इस मिशन में रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तत्व शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पहले से ही एक मज़बूत बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहुत अच्छा काम किया। ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिए इस प्रणाली को भेदने की बार-बार की गई कोशिशों के बावजूद हमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन भारत का भूभाग बहुत बड़ा है, और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे, जनसंख्या केंद्र और उद्योग इसकी सुरक्षा में हों।’’
रक्षा सचिव ने कहा कि सुदर्शन चक्र मिशन की तैयारी पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है।
अमेरिका के साथ जारी ‘टैरिफ’ तनाव और द्विपक्षीय रक्षा परियोजनाओं पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसका कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब व्यापारिक तनाव कम हो रहा है। हमने उनके साथ बातचीत फिर से शुरू कर दी है और उम्मीद है कि यह सफल होगी। आपने जिसे तनाव बताया है, उस दौर में भी हमारा रक्षा सहयोग और बातचीत जारी है। हमने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं, 2+2 चर्चाएँ की हैं और ये वार्ताएं अभी भी जारी हैं।’’
सिंह ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के लिए ‘जनरल इलेक्ट्रिक’ से इंजनों की आपूर्ति समय पर हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें दो इंजन पहले ही मिल चुके हैं, और तीसरा इंजन कल ही मिला। उन्होंने हमें एक समय-सारिणी दी है, और ऐसा लगता है कि वे उसका पालन करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’
भाषा नेत्रपाल