‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का बहिष्कार करना चाहिए था: राउत
अमित सुभाष
- 18 May 2025, 05:20 PM
- Updated: 05:20 PM
मुंबई, 18 मई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र सरकार के कदम का ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों को बहिष्कार करना चाहिए था।
राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए "पापों और अपराधों" का बचाव करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की कोई जरूरत नहीं थी, जो सरकार द्वारा वित्तपोषित है। वे क्या करेंगे? विदेश में हमारे राजदूत हैं। वे अपना काम कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन (दलों) को इसका बहिष्कार करना चाहिए था। वे सरकार द्वारा बिछाए गए जाल में फंस रहे हैं। आप सरकार द्वारा किए गए पापों और अपराधों का बचाव करने जा रहे हैं, देश का नहीं।’’
राउत की टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि ‘इंडियन नेशनल डेवलप्मेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं।
राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए भी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोकसभा में संख्या बल के कारण उनकी पार्टी को भी एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था।
राउत ने सवाल किया, ‘‘क्या किसी ने शिवसेना (उबाठा), तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से पूछा? आप किस आधार पर कह रहे हैं कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है।’’
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों में जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे।
बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद (दोनों भाजपा), संजय कुमार झा (जनता दल-यूनाइटेड), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोई (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) और सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार) के नेतृत्व में सात प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ मुख्यालय का दौरा करेंगे।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में सात या आठ नेता शामिल हैं और इन्हें पूर्व राजनयिकों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। 51 नेताओं में से 31 सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-राजग दलों से हैं।
राउत ने कहा, "इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को जल्दबाजी में भेजने की कोई आवश्यकता नहीं थी। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर संसद का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है।"
उन्होंने सवाल किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ ऐसा कौन सा समझौता किया है जिसके तहत भारत जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुआ है।
ट्रंप ने दावा किया था कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच "परमाणु संघर्ष" को रोका है और उनसे कहा कि अगर वे संघर्ष समाप्त करते हैं तो अमेरिका उनके साथ "काफी व्यापार" करेगा।
नयी दिल्ली में भारतीय सरकार के सूत्रों ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच एक सहमति बनी है।
भाषा
अमित