कर्नल कुरैशी पर टिप्पणी: उच्चतम न्यायालय मप्र के मंत्री की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा
देवेंद्र दिलीप
- 18 May 2025, 09:25 PM
- Updated: 09:25 PM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामले में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
विजय शाह ने याचिका में कर्नल सोफिया कुरैशी को निशाना बनाकर की गई कथित टिप्पणी के लिए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
उच्चतम न्यायालय की 19 मई की वाद सूची के अनुसार, याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष होगी।
पीठ ने 16 मई को भाजपा नेता शाह की याचिका पर सोमवार को सुनवाई तय की थी।
शाह की याचिका में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के 14 मई के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उक्त टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने 15 मई को मंत्री को फटकार लगाते हुए कहा था, ‘‘ऐसे समय में जब देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, तो मंत्री द्वारा बोला गया हर शब्द जिम्मेदारी की भावना के साथ होना चाहिए।’’
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने शाह के वकील से कहा था, ‘‘आप किस तरह का बयान दे रहे हैं? आप सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री हैं।’’
पीठ में न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे।
पीठ ने कहा था, ‘‘ऐसे संवैधानिक पद पर बैठे लोगों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है।’’
शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा ने 15 मई को याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया था और कहा था कि उच्च न्यायालय ने इसका स्वतः संज्ञान लिया है और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
मखीजा ने कहा कि याचिकाकर्ता, राज्य के आदिवासी मामलों के मंत्री ने खेद व्यक्त किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि याचिकाकर्ता प्राथमिकी पर रोक लगाने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष नहीं सुना है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी तथा ‘‘अमर्यादित भाषा’’ का इस्तेमाल करने के लिए शाह को फटकार लगाई थी तथा पुलिस को उनके खिलाफ शत्रुता एवं घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 196 (1)(बी) (धर्म, जाति, भाषा या अन्य समान विशेषताओं के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197(1)(सी) (बयान या कार्रवाई जो शत्रुता, या विभिन्न समूहों के बीच घृणा पैदा करता है) के तहत अपराधों के लिए शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
टिप्पणी के कारण चौतरफा आलोचना झेलने के बाद मध्यप्रदेश के मंत्री ने कहा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची है, तो वह 10 बार माफी मांगने को तैयार हैं और वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं।
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देवेंद्र