अहमदाबाद नगर निगम ने क्लिनिकल परीक्षण आय में अनियमितताओं के चलते नौ डॉक्टरों को निलंबित किया
आशीष रंजन
- 22 Apr 2025, 07:01 PM
- Updated: 07:01 PM
अहमदाबाद, 22 अप्रैल (भाषा) अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने नगर निगम के एक अस्पताल में क्लिनिकल परीक्षणों से प्राप्त आय में अनियमितताओं के आरोपों के बाद निगम संचालित मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर सहित नौ डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कानून के तहत अनिवार्य ‘नैतिकता समिति’ बनाने के बजाय, इन डॉक्टरों ने अपनी समिति गठित कर ली और क्लिनिकल परीक्षण कर लिया।
एएमसी ने जांच तब शुरू की जब कांग्रेस पार्षद राजश्री केसरी ने रविवार को आरोप लगाया कि एएमसी द्वारा संचालित वी एस अस्पताल में अवैध क्लिनिकल परीक्षणों के कारण चार वर्षों में कम से कम तीन मरीजों की जान चली गई।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा वार्ड से कांग्रेस पार्षद केसरी ने दावा किया कि चार वर्षों में 500 मरीज अस्पताल में क्लिनिकल परीक्षण में शामिल हुए लेकिन क्लिनिकल परीक्षण विभाग के प्रमुख डॉ. देवांग राणा और अन्य ने चार फार्मा कंपनियों द्वारा भुगतान की गई प्रवेश शुल्क राशि हड़प ली और अस्पताल को कुछ भी नहीं दिया।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच के बाद, एएमसी ने राणा और अस्पताल में क्लिनिकल परीक्षण टीम का हिस्सा रहे आठ अन्य डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है।’’
डॉ. राणा एनएचएल म्यूनिसिपल मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 2021 में वी एस अस्पताल में क्लिनिकल ट्रायल के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था।
राणा स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि आठ अन्य डॉक्टरों को एएमसी ने अनुबंध के आधार पर काम पर रखा था। मंत्री पटेल ने कहा, ‘‘आमतौर पर, क्लिनिकल परीक्षण से होने वाली आय को दो हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा डॉक्टरों को जाता है, जबकि दूसरा अस्पताल को जाता है। इस मामले में, हमने पाया कि डॉक्टरों ने पूरी राशि अपने पास रख ली थी। हमने राणा और इसमें शामिल आठ अन्य डॉक्टरों को पहले ही निलंबित कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि जांच अभी भी जारी है और जांच के निष्कर्षों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अपने पास मौजूद विभिन्न दस्तावेजों का हवाला देते हुए केसरी ने दावा किया कि राणा और अन्य द्वारा किए गए क्लिनिकल परीक्षण के कारण कम से कम तीन मरीजों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास अनियमितताओं को साबित करने के लिए कई दस्तावेज हैं। चार कंपनियों ने मरीजों पर क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए वी एस अस्पताल के प्रबंधन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। मेरी जानकारी के अनुसार, इस अवैध क्लिनिकल शोध के कारण कम से कम तीन मरीजों की मौत हो गई।’’
भाषा आशीष