तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश, गहरा दबाव क्षेत्र के चक्रवात में तब्दील होने की आशंका
धीरज अविनाश
- 26 Nov 2024, 05:54 PM
- Updated: 05:54 PM
(तस्वीरों के साथ)
चेन्नई, 26 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के कई इलाकों में मंगलवार को भारी बारिश होने के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव क्षेत्र और गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है और 27 नवंबर को यह चक्रवात में तब्दील हो सकता है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए यहां सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य की टीम को तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपत्तनम और कुड्डालोर जिलों के लिए रवाना किया गया है।
चेन्नई और आसपास के जिले चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर, उत्तरी तटीय शहर कुड्डालोर और नागपत्तनम सहित कावेरी डेल्टा क्षेत्र उन स्थानों में शामिल हैं जहां बारिश हुई। इन इलाकों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।
बारिश के कारण चेन्नई के ओएमआर रोड समेत कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला और सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात प्रभावित हुआ। साथ ही चेन्नई आ रहीं सात उड़ानों के उतरने में देरी हुई।
सरकारी सहकारी कंपनी आविन ने कहा कि उसने लोगों को निर्बाध दूध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं और यहां उसके आठ पार्लर चौबीस घंटे खुले रहेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्टालिन ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना की समीक्षा की।
मयिलादुथुराई, विल्लुपुरम, नागपत्तनम, तिरुवरुर, तंजावुर और कुड्डालोर जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वे अधिकारी शामिल हुए जिन्हें वर्षा संबंधी कार्यों की निगरानी और समन्वय का कार्य सौंपा गया है।
जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पर्याप्त संख्या में राहत शिविर और चिकित्सा दल तैयार हैं और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गई हैं। स्टालिन ने अधिकारियों से कहा कि राहत केंद्रों को ‘सभी सुविधाओं के साथ तैयार’ रखा जाना चाहिए और निचले इलाकों से लोगों को पहले ही निकाला जाना चाहिए।
यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक तंजावुर जिले में एनडीआरएफ की दो टीम भेजी गई हैं। तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपत्तनम और कुड्डालोर जिलों में से प्रत्येक के लिए दो टीम (एक एनडीआरएफ की और दूसरी राज्य की) भेजी गई हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक मछुआरों को पहले ही समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और अधिकांश नावें किनारे पर लौट आई हैं।’’
इसमें कहा गया कि गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को निकटतम बंदरगाहों पर जाने को कहा गया है। राज्य और जिला स्तर पर आपात परिचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं जो 24 घंटे सातों दिन काम करेंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन, मुख्य सचिव एन मुरुगनंदम और राज्य के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
आईएमडी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव एक गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है और यह चेन्नई से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व तथा नागपत्तनम से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित है।
आईएमडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अद्यतन जानकारी देते हुए पोस्ट किया, ‘‘इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा 27 नवंबर को चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी आशंका है। इसके बाद, यह अगले दो दिनों तक श्रीलंका तट को छूते हुए उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा।’’
भाषा धीरज