न्यायालय ने पूर्व सरपंच की हत्या के मामले में तीन आरोपियों की जमानत रद्द की
वैभव मनीषा
- 20 Nov 2024, 05:43 PM
- Updated: 05:43 PM
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 31 मई, 2023 को नीमराना में एक पूर्व ग्राम सरपंच की हत्या के तीन आरोपियों को राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से दी गई जमानत को बुधवार को रद्द कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मृतक दिनेश कुमार यादव के भाई का पक्ष रखने वाले वकील रोनक करणपुरिया की दलीलों पर सुनवाई की और उच्च न्यायालय के आठ जुलाई के फैसले को खारिज कर दिया।
शीर्ष अदालत ने आरोपियों अभिमन्यु उर्फ पिंटू, जयवीर तथा सत्या उर्फ चिन्नया को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया और निचली अदालत से सुनवाई में तेजी लाने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर परिस्थिति में बदलाव होता है और सुनवाई में उन कारणों से देरी होती है जिनके लिए आरोपियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता तो वे फिर से जमानत मांग सकते हैं।
करणपुरिया ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने अपराध की गंभीरता, पूर्व नियोजित साजिश के साक्ष्य और गवाहों को खतरे पर विचार किए बिना आरोपियों को जमानत देने में गलती की थी।
मामला राजस्थान के नीमराना में ग्राम पंचायत सीलापुर के पूर्व सरपंच दिनेश कुमार यादव की नृशंस हत्या से संबंधित है।
दिनेश 31 मई, 2023 की सुबह अपने ट्रैक्टर से खेत में जुताई कर रहे थे, तभी दो हमलावरों ने उन्हें कई गोलियां मार दीं।
दिनेश के भाई रूपेश कुमार द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उनकी हत्या राजनीतिक रंजिश और अवैध अतिक्रमण को लेकर विवाद से उपजी पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी।
हमले के चश्मदीद रहे रूपेश ने हमलावरों की पहचान कर ली थी और अपनी शिकायत में अभिमन्यु, जयवीर और सत्या समेत कई साजिशकर्ताओं के नाम लिए थे।
दिनेश को बहरोड़ के कैलाश अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या की साजिश रची गई थी।
आरोपियों ने कई बार नाकाम रहने के बाद दिनेश को मारने की कथित तौर पर मिलकर साजिश रची थी।
उन्होंने सचिन और यशपाल नामक शूटरों को 23,000 रुपये की सुपारी दी और उनके फरार होने के लिए चोरी की एक मोटरसाइकिल का भी इंतजाम किया था।
भाषा वैभव