पलक्कड़ उपचुनाव: फर्जी मतदाता सूची तैयार, वोट देने पर कार्रवाई होगी: चुनाव आयोग
अमित माधव
- 19 Nov 2024, 09:36 PM
- Updated: 09:36 PM
पलक्कड़ (केरल), 19 नवंबर (भाषा) कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा पलक्कड़ विधानसभा उपचुनाव में फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करने को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाये जाने के बीच निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि ऐसे मतदाताओं की एक सूची तैयार कर ली गई है और यदि वे मतदान करने आते हैं तो उन्हें रोका नहीं जाएगा, बल्कि बाद में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस और भाजपा पर ‘‘फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने’’ का आरोप लगाने वाली माकपा ने कहा कि वे ऐसे व्यक्तियों को मतदान करने से रोकने के लिए सभी कानूनी उपाय करेंगे।
पलक्कड़ में उपचुनाव की पूर्व संध्या पर राज्य के आबकारी मंत्री एम बी राजेश ने कहा, ‘‘उन्हें मतदान करने से रोकने के कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके हैं।’’
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा ने कहा कि पलक्कड़ विधानसभा सीट के लिए मतदान के दौरान फर्जी मतदाताओं को मतदान से रोकने के बारे में सत्तारूढ़ माकपा की कथित टिप्पणी का उद्देश्य मतदाताओं को डराना है और यह कानून को अपने हाथ में लेने के समान है।
कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे और माकपा पर फर्जी मतदाता बनाने में शामिल होने का आरोप लगाया। राज्य की पलक्कड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को होगा।
पलक्कड़ में घर घर प्रचार के दौरान, कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) उम्मीदवार राहुल ममकूटाथिल ने कहा कि चुनाव अधिकारी सरकार के अधिकारी हैं और फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में कैसे दर्ज हो गए?
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ममकूटाथिल ने कहा कि यूडीएफ भी फर्जी मतदाताओं के खिलाफ है, लेकिन इस मुद्दे का इस्तेमाल अन्य मतदाताओं को डराने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के. सी. कृष्णकुमार ने भी निर्वाचन क्षेत्र में वोट मांगने के लिए घर-घर जाकर जनसंपर्क किया और कहा कि माकपा के ऐसे बयान वामपंथी पार्टी की कानून को अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी फर्जी मतदान को रोकने के लिए कानूनी तरीकों का सहारा लेगी क्योंकि वे लोगों को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोकने के पक्ष में नहीं हैं।
उन्होंने कहा ‘‘इसके लिए पुलिस है। क्या माकपा को अपनी सरकार के गृह विभाग या जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं है?’’
इस बीच, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार पी. सरीन ने कहा कि अगर यूडीएफ और भाजपा फर्जी मतदान के जरिए उपचुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं, तो वामपंथी कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों से इसे रोकेंगे।
सरीन ने निर्वाचन क्षेत्र में अपने घर-घर प्रचार अभियान के दौरान कहा कि वामपंथी फर्जी मतदान से चिंतित नहीं हैं और उन्होंने यूडीएफ और भाजपा से जीत के लिए इस तरह की रणनीति पर भरोसा न करने का आग्रह किया।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच पलक्कड़ की जिला कलेक्टर एस चित्रा, जो निर्वाचन अधिकारी भी हैं, ने कहा कि फर्जी मतदाताओं और मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों की शिकायतों के आधार पर जांच की गई और ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऐसे व्यक्तियों की सूची मतदान केंद्रों में पीठासीन अधिकारियों को सौंप दी है। यदि सूची में शामिल व्यक्ति मतदान के लिए आते हैं, तो पीठासीन अधिकारी उन्हें मतदान करने की अनुमति देने से पहले उनकी तस्वीर और उनसे लिखित गवाही लेंगे।’’
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘यदि वे मतदान करते हैं, तो यह उनके खिलाफ सबूत बन जाएगा जब हम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे और यदि दोषी पाए जाते हैं, तो एक वर्ष की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह उन व्यक्तियों की एक छोटी सूची थी, जिन पर फर्जी मतदाता होने या दोहरी प्रविष्टियां होने का संदेह है।
इससे पहले दिन में ममकूटाथिल ने यह भी कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की आईयूएमएल प्रमुख पनक्कड़ सादिक अली शिहाब थंगल के बारे में हाल ही में की गई टिप्पणी पलक्कड़ उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी में सांप्रदायिक भावना थी और यह विजयन की संघ परिवार की मानसिकता को दर्शाता है।
रविवार को पलक्कड़ में एलडीएफ उम्मीदवार पी. सरीन के लिए उपचुनाव प्रचार सभा को संबोधित करते हुए विजयन ने थंगल की आलोचना करते हुए कहा कि वह जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।
थंगल केरल में सुन्नी मुसलमानों के एक महत्वपूर्ण वर्ग के आध्यात्मिक नेता हैं।
निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक शफी परमबिल के वडकारा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इस उपचुनाव की आवश्यकता उत्पन्न हुई।
भाषा अमित