अदालत ने दिया संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का निर्देश
सं. सलीम खारी
- 19 Nov 2024, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
संभल (उत्तर प्रदेश), 19 नवंबर (भाषा) संभल की एक अदालत ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को जिले की कथित जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जिसमें दावा किया गया कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया।
इस मामले में याचिकाकर्ता एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, ‘‘आज माननीय दीवानी अदालत संभल ने मेरी याचिका पर जिले में कथित जामा मस्जिद का अधिवक्ता आयुक्त के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है। इस मस्जिद को हरिहर मंदिर मंदिर के रूप में जाना जाता है।’’
उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है।’’
विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।
जैन ने बताया कि याचिका में केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संरक्षित क्षेत्र है। एएसआई संरक्षित क्षेत्र में किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। यहां कई ऐसे चिह्न और प्रतीक हैं जो हिंदू मंदिर के हैं।’’
जैन ने कहा, ‘‘इन सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, संभल के माननीय दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ डिविजन) ने अधिवक्ता आयुक्त के माध्यम से वीडियो और फोटोग्राफी का उपयोग करके स्थल का सर्वेक्षण करने और रिपोर्ट अदालत को सौंपने का आदेश जारी किया है।’’
जैन ने दावा किया कि मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होना है।’’
भाषा सं. सलीम