कॉलेजियम ने दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की सिफारिश की
राजकुमार अविनाश
- 28 Nov 2024, 09:51 PM
- Updated: 09:51 PM
नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाष) उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने केंद्र से दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की सिफारिश करते हुए बृहस्पतिवार को सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया।
उच्चतम न्यायालय के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम सर्वसम्मति से सिफारिश करता है कि न्यायमूर्ति मनमोहन को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जाए।’’
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने बृहस्पतिवार को बैठक की और न्यायमूर्ति मनमोहन को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया।
कॉलेजियम में न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका अन्य सदस्य हैं।
उच्चतम न्यायालय में फिलहाल प्रधान न्यायाधीश समेत 32 न्यायाधीश हैं। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के सेवानिवृत होने के बाद शीर्ष अदालत में दो रिक्तियां हो गयी हैं।
बयान में कहा गया है कि कॉलेजियम ने उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए पात्र उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ न्यायाधीशों के नामों पर विचार-विमर्श किया।
उसमें कहा गया, ‘‘ न्यायमूर्ति मनमोहन उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर आते हैं और वह दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘उनके नाम की सिफारिश करते समय कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा है कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय की पीठ में दिल्ली उच्च न्यायालय के केवल एक न्यायाधीश का ही प्रतिनिधित्व है।’’
उसके अनुसार न्यायमूर्ति मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 29 सितंबर, 2024 से दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं।
उन्हें नौ नवंबर, 2023 को इसी न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति मनमोहन (61) दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। जगमोहन नौकरशाह थे और बाद में राजनीति में आ गये थे। जगमोहन ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं।
न्यायमूर्ति मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 17 दिसंबर, 2009 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। जब उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, तब वह वरिष्ठ अधिवक्ता थे।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी और वह 1987 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए थे।
भाषा
राजकुमार