सिग्नल समस्या से जुड़े मामले उचित प्रक्रिया के तहत हल किए जाएं : दक्षिण पूर्व रेलवे
पारुल अविनाश
- 13 Nov 2024, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) ने एक परिपत्र जारी कर सिग्नल और टेलीकॉम (एसएंडटी) विभाग को ‘फेलियर मेमो’ (सिग्नल या पाइंट की विफलता से जुड़ा मेमो) और ‘डिसकनेक्शन मेमो’ (ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सिग्नल गियर बाधित करने से जुड़ा मेमो) लेने के बाद ही सिग्नल संबंधी समस्या को दूर करने का निर्देश दिया है।
एसईआर ने पश्चिम बंगाल के नालपुर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के बाद यह कदम उठाया, जिसकी जांच में यह बात सामने आई थी कि सिग्नल समस्या को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना हल किया जा रहा था।
एसईआर के प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर की ओर से 11 नवंबर को जारी परिपत्र में कहा गया है, “यह दोहराया जाता है कि सिग्नल की विफलता से जुड़े मामले को केवल उचित ‘फेलियर मेमो’ और ‘डिसकनेक्शन मेमो’ लेकर ही हल किया जाना चाहिए।”
इसमें कहा गया है, “सुधार और गहन परीक्षण के बाद इसे मानक प्रक्रिया के अनुसार उचित ‘रिकनेक्शन मेमो’ के जरिये फिर से जोड़ा जाना चाहिए।”
यह परिपत्र खड़गपुर, आद्रा, चक्रधरपुर और रांची रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियरों को भेजा गया है। परिपत्र का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सभी रखरखाव कर्मचारियों को जरूरी परामर्श देने का निर्देश दिया गया है।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में हावड़ा के पास नालपुर स्टेशन पर नौ नवंबर को सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण इस तरह का परिपत्र जारी करने की आवश्यकता पैदा हुई।
नालपुर एसईआर जोन के खड़गपुर रेल मंडल के अंतर्गत आता है।
एक सूत्र ने कहा, “घटना की जांच के दौरान दो गंभीर बातें सामने आईं। पहली, नालपुर के स्टेशन मास्टर ने एसएंडटी विभाग को ‘फेलियर मेमो’ जारी किए बिना और रिकॉर्ड बुक में समस्या दर्ज किए बिना तकनीशियन से सिग्नल को ठीक करने को कहा, जो रेलवे सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है। यहां तक कि एसएंडटी विभाग ने स्टेशन मास्टर को ‘डिस्कनेक्शन मेमो’ नहीं दिया, जिसका मतलब यह होता है कि ‘रिकनेक्शन मेमो’ जारी न होने तक उस सिग्नल से कोई ट्रेन नहीं गुजरनी चाहिए।”
सूत्र के मुताबिक, “जांच में जो दूसरी गंभीर बात सामने आई, वह यह है कि रिले कक्ष में सिग्नल संबंधी खामी दूर करते समय तकनीशियन के शरीर का निचला हिस्सा गलती से ‘लैच गियर’ नामक स्विच से टकरा गया, जिससे एक अन्य लाइन पर ‘इंटरलॉकिंग पॉइंट’ की दिशा बदल गई और उस पर से गुजर रही सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस पटरी से उतर गई।”
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार रेलवे ने दोनों बातों को गंभीरता से लिया है और पर्याप्त उपाय करके इनका समाधान करने की कोशिश की है।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “रेलवे ने कर्मचारियों को सिग्नल विफलता के मामले में उचित प्रक्रिया का पालन करने की याद दिलाई है। वहीं, रेलवे बोर्ड ने सभी जोन और मंडल को सिग्नल प्रणाली के समस्याग्रस्त हिस्सों को ठीक करने के लिए सुरक्षा अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है।”
भाषा पारुल