सोरेन के 'मुफ्त कफन' वाले पुराने बयान को विधानसभा चुनाव से जोड़कर गलत दावे के साथ किया गया साझा
पवनेश अविनाश
- 13 Nov 2024, 07:33 PM
- Updated: 07:33 PM
(फोटो सहित)
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (पीटीआई फैक्ट चेक) झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस 15 सेकंड के वीडियो क्लिप में सोरेन को ‘मुफ्त कफन’ देने की बात करते हुए सुना जा सकता है। लोग इस वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर हेमंत सोरेन पर निशाना साध रहे हैं।
हालांकि, पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। जांच में पता चला कि यह वीडियो 2021 का है। उस समय झारखंड सरकार ने कोरोना महामारी के चलते मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त कफन देने का ऐलान किया था। सोशल मीडिया पर तीन साल पुराने इस वीडियो को अब गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा, “झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है, लेकिन मुफ्त में कफन देने की बात जरूर कर रही है। शर्त यह है कि कफन लेने के लिए आपको मरना होगा। यह सिर्फ झारखंड नहीं, पूरे देश का हाल है।”
इस पोस्ट को अब तक पांच हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है और सैकड़ों लोग इसे सच मानकर शेयर कर चुके हैं।
इस वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए डेस्क ने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें हेमंत सोरेन के इस बयान से संबंधित कई पुरानी खबरें मिलीं, जिनमें बताया गया कि झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए मई 2021 में मुफ्त में कफन देने का ऐलान किया था।
जांच के दौरान हमें ‘जी न्यूज’ के यूट्यूब चैनल पर भी हेमंत सोरेन का बयान मिला। इसमें बताया गया कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिये मुफ्त में कफन देने का ऐलान किया था।
वहीं, ‘नवभारत टाइम्स’ की वेबसाइट पर 25 मई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान कपड़े की दुकानें बंद होने के कारण कफन खरीदने में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के लोगों के लिये मुफ्त कफन देने की घोषणा की थी।
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन की ‘मुफ्त कफन’ योजना का मौजूदा विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो तीन साल पुराना है।
पीटीआई फैक्ट चेक साजन
पवनेश