पश्चिम एशिया में स्थिति गंभीर चिंता का विषय: जयशंकर
सुभाष अमित
- 13 Nov 2024, 07:35 PM
- Updated: 07:35 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत गाजा में शीघ्र युद्ध विराम किये जाने का समर्थन करता है और वह द्विराष्ट्र समाधान के माध्यम से फलस्तीन मुद्दे का हल किये जाने के पक्ष में है।
जयशंकर ने सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ बैठक के दौरान अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि पश्चिम एशिया में स्थिति, खासकर गाजा में संघर्ष ‘‘गंभीर चिंता’’का विषय है।
जयशंकर ने सऊदी अरब को क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण ताकत बताया।
जयशंकर और अल सऊद ने रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) के तहत आयोजित राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग (पीएसएससी) समिति की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता की।
जयशंकर ने कहा कि सऊदी अरब का ‘विजन 2030’ और भारत का विकसित भारत 2047 दोनों देशों के उद्योगों के लिए नयी साझेदारी बनाने के लिए पूरक हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार और निवेश हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और हम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित नए क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत कर रहे हैं।’’
अल सऊद भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
गाजा में स्थिति पर जयशंकर ने कहा कि किसी भी जवाबी कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में स्थिति, विशेष रूप से गाजा में संघर्ष, गंभीर चिंता का विषय है। इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और एक समान रहा है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों के लगातार मारे जाने से हमें गहरा दुख है। किसी भी जवाबी कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना चाहिए। हम शीघ्र युद्ध विराम किये जाने का समर्थन करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत द्विराष्ट्र समाधान के माध्यम से फलस्तीन मुद्दे का समाधान किये जाने के अपने रुख पर कायम है। हमने फलस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है।’’
भारत-सऊदी संबंधों पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने बहुपक्षीय मंचों पर उच्च स्तरीय संपर्क और समन्वय की अच्छी गति बनाए रखी है।
जयशंकर ने कहा कि क्षेत्र में स्थिरता को बनाए रखने और अर्थव्यवस्थाओं को अधिक समृद्धि की ओर ले जाने में भारत और सऊदी अरब की समान रुचि है।
उन्होंने कहा, ‘‘सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की संख्या 26 लाख है और मैं इस अवसर पर, उनके कल्याण और सुविधा के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।’’
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