केरल के मुनंबम में वक्फ भूमि मुद्दे को लेकर किसी को बेदखल नहीं किया जाना चाहिए : भाकपा
संतोष रंजन
- 03 Nov 2024, 08:37 PM
- Updated: 08:37 PM
तिरुवनंतपुरम, तीन नवंबर (भाषा) केरल के एर्णाकुलम जिले के मुनंबम में वक्फ भूमि मुद्दे पर कैथोलिक चर्च द्वारा समर्थित निवासियों के तीव्र विरोध प्रदर्शन के बीच सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने इस मामले में समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वाले और निहित स्वार्थ साधने वाले लोगों के खिलाफ रविवार को आगाह किया।
माकपा के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी का रुख यह है कि मुनंबम से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चाहे वक्फ भूमि हो या देवस्वओम भूमि, किसी भी चीज के नाम पर गरीब लोगों को बेदखल नहीं किया जाना चाहिए।
कुछ लोग मुनंबम मुद्दे के नाम पर सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वम ने पोस्ट में कहा कि आरएसएस और एसडीपीआई क्रमशः हिंदू और मुस्लिम कट्टरता के बीज बो रहे हैं।
यह इंगित करते हुए कि इन संगठनों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, उन्होंने कहा कि जो लोग अनजाने में आरएसएस एवं एसडीपीआई के जाल में फंस जाते हैं, उन्हें उसकी सच्चाई का एहसास होना चाहिए कि जिसे वे करना चाहते हैं।
वाम नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि सांप्रदायिक मुद्दे पैदा करने की ऐसे संगठनों की चालें व्यर्थ हो जाएंगी।
भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर एलडीएफ और यूडीएफ के रुख को लेकर ईसाई आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से के बीच बढ़ती नाराजगी के बीच माकपा नेता का यह बयान आया है।
दोनों मोर्चों ने हाल ही में राज्य विधानसभा में भाजपा नीत केंद्र के वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था, जो मौजूदा वक्फ कानून के प्रावधानों को चुनौती देता है।
विधेयक के समर्थन में, चर्च ने आरोप लगाया है कि एर्णाकुलम जिले के चेराई और मुनंबम गांवों में ईसाई परिवारों की कई संपत्तियों पर मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग करके वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से दावा किया गया है।
एर्णाकुलम जिले के चेराई और मुनंबम गांवों के निवासियों ने आरोप लगाया है कि लोगों के पास बैनामे के दस्तावेज और भूमि कर भुगतान की रसीद होने के बावजूद, वक्फ बोर्ड गैरकानूनी तरीके से उनकी जमीन और संपत्तियों पर दावा करता है।
नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीसन ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी का घोषित रुख यह है कि मुनंबम की विवादास्पद भूमि वक्फ बोर्ड की नहीं है और सरकार चाहे तो 10 मिनट के भीतर इस मुद्दे को हल कर सकती है।
भाषा संतोष