असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का जश्न मनाने के लिए हफ्ते भर का कार्यक्रम शुरू
सुभाष पारुल
- 03 Nov 2024, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
गुवाहाटी, तीन नवंबर (भाषा) असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने के एक महीने पूरे होने के अवसर पर, असम की भाषाई विविधता का जश्न मनाने के लिए हफ्ते भर का कार्यक्रम रविवार को शुरू हुआ।
असमिया भाषा में दिए गए योगदान को सम्मानित करने के लिए राज्य भर में ‘भाषा गौरव सप्ताह’ के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार की पहल की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई की कि यह आयोजन लोगों और असमिया संस्कृति के बीच संबंध को और गहरा करेगा।
मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "भाषा गौरव सप्ताह एक उल्लेखनीय प्रयास है, जो असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर लोगों के उत्साह को दर्शाता है। मेरी शुभकामनाएं। सप्ताह भर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम लोगों और असमिया संस्कृति के बीच संबंध को और प्रगाढ़ करें। मैं असम से बाहर के असमिया लोगों से भी इसमें भाग लेने का आग्रह करता हूं।"
हाल ही में केंद्र सरकार ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, "असम की समृद्ध भाषाई विरासत और असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किए जाने पर हफ्ते भर का उत्सव 'भाषा गौरव सप्ताह' आज से शुरू हो रहा है। इस सप्ताह, विभिन्न भाषाई समूहों के लोग अपनी भाषाओं का जश्न मनाएंगे और इसे संरक्षित करने का संकल्प लेंगे।"
‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में शर्मा ने ‘भाषा गौरव सप्ताह’ की शुरुआत पर प्रधानमंत्री की शुभकामनाओं के लिए उनका आभार जताया।
उन्होंने कहा, ‘‘असम के लोग असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने और हमारी भाषाई विविधता को संरक्षित करने के लिए कई अन्य प्रयास किए जाने को लेकर भारत सरकार के ऋणी हैं।’’
शर्मा ने कहा कि यह सप्ताह विभिन्न भाषाओं का उत्सव है, जो असम के सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करता है।
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