पटाखों पर प्रतिबंध की धज्जियां उड़ीं, दिवाली के बाद दिल्ली में धुंध छाई, हवा में घुला बारूद
सुरभि मनीषा
- 01 Nov 2024, 11:38 AM
- Updated: 11:38 AM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) दिल्ली में शुक्रवार को धुंध की मोटी परत छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 362 दर्ज किया गया। दिवाली के दौरान लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया।
दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में सबसे प्रदूषित दिवाली भी इस साल दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था।
राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई शुक्रवार को सुबह नौ बजे 362 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली के अधिकतर निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण का एक जैसा स्तर दिखाया, और 39 में से 37 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बताया।
राष्ट्रीय एक्यूआई के बारे में हर घंटे अद्यतन जानकारी देने वाले सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, अलीपुर में एक्यूआई 355, आनंद विहार में 396, अशोक विहार में 389, आया नगर में 351, बवाना में 396, बुराड़ी में 394 और मथुरा रोड में 371 दर्ज किया गया।
आईजीआई हवाई अड्डे पर एक्यूआई 371, द्वारका में 376, जहांगीरपुरी में 390, मुंडका में 375, पटपड़गंज में 365, रोहिणी में 390, सोनिया विहार में 396 और वजीरपुर में 390 रहा।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर एक्यूआई को‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
पीएम 2.5 सूक्ष्म कणों की हवा में सांद्रता भी सुरक्षित सीमा से अधिक हो गई। पीएम 2.5 सूक्ष्म कण आसानी से श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर जाते हैं और विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं।
शुक्रवार की सुबह छह बजे दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 207.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
पीएम 2.5 की मौजूदगी की सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
दिवाली के दौरान और उसके बाद प्रदूषण में वृद्धि से निपटने के प्रयास के तहत दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवे वर्ष पटाखों पर व्यापक प्रतिबंध लागू किया था। प्रतिबंध के तहत पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई थी।
दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 377 प्रवर्तन दल भी स्थापित किए थे और स्थानीय संघों के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी। आस पास के इलाकों से आवाजाही पर नजर रखने के लिए पुलिस दल तैनात किए गए थे, अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इन प्रयासों के बावजूद, समूची दिल्ली के इलाकों में प्रतिबंध का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ। रिपोर्ट से पता चला है कि पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ, जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश जैसे इलाकों में पटाखों की धूम रही।
पिछले साल पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी तथा वर्षा सहित अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिवाली के बाद गैस चैंबर में तब्दील होने से बच गई थी।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम कार्यालय के अनुसार, हवा की गति लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
हवा की उच्च गति प्रदूषकों को तितर बितर करने में मदद करती है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।
शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 70 प्रतिशत था।
मौसम विभाग ने दिन में आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है।
भाषा सुरभि