भाजपा सांसद ने जेपीसी अध्यक्ष से भूमि विवाद पर चर्चा के लिए किसानों को आमंत्रित करने का आग्रह किया
जितेंद्र वैभव
- 30 Oct 2024, 04:27 PM
- Updated: 04:27 PM
बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से अनुरोध किया कि वह कर्नाटक के विजयपुरा जिले के किसानों को वक्फ बोर्ड के साथ उनके भूमि विवादों पर चर्चा करने के लिए गवाह के रूप में आमंत्रित करें।
बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सदस्य तेजस्वी ने जिले और आसपास के अन्य क्षेत्रों के किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी हाल की बैठक का जिक्र किया।
तेजस्वी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी हैं।
उन्होंने पाल को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया, “लगभग एक सदी से अपनी जमीनों पर खेती कर रहे इन किसानों के पास 1920 और 1930 के दशक के रिकॉर्ड मौजूद हैं। हाल के महीनों में कई किसानों को बिना किसी सबूत या स्पष्टीकरण के उनकी जमीनों को वक्फ संपत्ति घोषित करने के नोटिस दिए गए हैं। इन दावों का पैमाना काफी बड़ा है। अकेले उनके गांव में ही लगभग 1,500 एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति के रूप में नामित की गई है।”
सांसद के अनुसार, किसानों ने दावा किया कि नोटिस भेजे जाने के अलावा कुछ भूमि खंडों के लिए आरटीसी (अधिकार, किरायेदारी और फसल का रिकॉर्ड), भूमि अभिलेख (‘पहानी’) और दाखिल खारिज के पंजीकरण में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना बदलाव किए गए हैं।
तेजस्वी ने पत्र में कहा कि इसलिए मैं अनुरोध करता हूं कि आप (जगदंबिका पाल) प्रभावित किसानों के प्रतिनिधिमंडल को समिति के समक्ष गवाह के रूप में पेश होने के लिए आमंत्रित करें।
तेजस्वी के मुताबिक, उनकी गवाही प्रस्तावित संशोधनों के स्थानीय निहितार्थों और इस संबंध में कृषक समुदाय के सामने आने वाले दबावपूर्ण मुद्दों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करेगी।
तेजस्वी ने पाल से कर्नाटक के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और शिकायतें प्राप्त करने व वक्फ बोर्ड की कार्रवाई से प्रतिकूल रूप से प्रभावित किसानों के साथ सार्वजनिक सुनवाई करने का भी अनुरोध किया।
विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने यह आरोप लगाया था कि उनकी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि उनमें से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाएगा तथा उन्हें जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए जाएंगे।
भाषा जितेंद्र