उत्तर प्रदेश: भाजपा विधायक से अभद्र व्यवहार के आरोप में पार्टी के चार नेता निष्कासित
आनन्द जितेंद्र
- 14 Oct 2024, 09:28 PM
- Updated: 09:28 PM
लखनऊ, 14 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लखीमपुर खीरी जिले में नगरीय सहकारी बैंक के प्रतिनिधियों के चुनाव में कथित धांधली को लेकर स्थानीय विधायक योगेश वर्मा से अभद्र व्यवहार करने के मामले में बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह, उनके पति अवधेश सिंह समेत चार लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ल ने सोमवार को पुष्पा सिंह, अवधेश सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को पत्र जारी कर कहा कि 10 अक्टूबर को जारी किये पत्र के जवाब में सभी का स्पष्टीकरण मिला।
विधान पार्षद शुक्ला ने पत्र में लिखा कि नौ अक्टूबर के चुनाव नामांकन प्रक्रिया में योगेश वर्मा के साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
शुक्ल ने कहा, “विधायक के साथ किया गया कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। विचार-विमर्श के बाद प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी के निर्देश पर सहकारी बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह, उनके पति वरिष्ठ अधिवक्ता अवधेश सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।”
लखीमपुर खीरी जिले में नगरीय सहकारी बैंक के प्रतिनिधियों के चुनाव में कथित धांधली को लेकर विधायक वर्मा और दूसरे पक्ष के बीच नौ अक्टूबर को मारपीट हुई थी। विधायक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गया था।
इस बीच घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अवधेश सिंह पुलिस की मौजूदगी में कथित तौर पर वर्मा को पीटते दिखाई दिये। हालांकि पुलिसकर्मियों ने फौरन दोनों को एक-दूसरे से अलग कर दिया लेकिन उसके बाद सिंह के समर्थकों ने भी विधायक की पिटाई कर दी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक को थप्पड़ मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के लोग अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रशासन को मामले का स्वत संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी?
अखिलेश ने आरोप लगाया, “आजकल आप देख रहे होंगे कि भाजपा के लोग अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। लखीमपुर (खीरी) में किसने नहीं देखा कि एक विधायक को थप्पड़ मारा गया। मामले में क्या कार्रवाई हुई। क्या प्रशासन को (इस संबंध में) स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी?”
भाषा आनन्द