गोपाल राय कृत्रिम बारिश के मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री से तत्काल बैठक की मांग करेंगे
खारी माधव
- 09 Oct 2024, 05:30 PM
- Updated: 05:30 PM
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से फिर संपर्क कर प्रदूषण स्तर के चरम पर पहुंचने के दौरान कृत्रिम बारिश कराने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तत्काल बैठक बुलाने का आग्रह करेंगे।
राय ने कहा कि उनके पिछले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला
है।
बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राय ने राष्ट्रीय राजधानी की प्रदूषण संबंधी चिंताओं को सामने रखा और प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए आपातकालीन उपायों की जरूतर पर जोर दिया।
दिवाली का त्योहार नजदीक है, इस पर राय ने कहा कि इस पर्व के दौरान एक से 15 नवंबर के बीच वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कृत्रिम बारिश कराने जैसे आपातकालीन उपायों की जरूरत है। राय ने पहले भी केंद्रीय मंत्री से इस मामले पर बैठक के लिए आग्रह किया था, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है।
राय ने कहा, ‘‘मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को फिर से पत्र लिखूंगा, ताकि आपातकालीन बैठक बुलाई जा सके और हम इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपायों को लागू कर सकें।’’
राय ने 21 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना के तहत दिल्ली सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी बताया कि और कहा कि सात अक्टूबर को निर्माण गतिविधियों के कारण होने वाले धूल प्रदूषण को कम करने के लिए अभियान शुरू किया जा चुका है।
राय ने कहा, ‘‘अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, मैंने व्यक्तिगत रूप से दो निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य से जुड़ी 120 कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक की। इन कंपनियों को इस सर्दी में धूल प्रदूषण को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते क्या करें और क्या न करें, इस बारे में दिशा-निर्देश दिए गए और प्रशिक्षित किया गया।’’
राय ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि उनका सहयोग प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगा और बदले में, हमने महत्वपूर्ण प्रयास करने वाली कंपनियों को हरित रतन पुरस्कार दिए हैं।’’
इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए, सरकार ने पहले ही निर्माण स्थलों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है और जो इसका पालन नहीं कर रहे हैं उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
भाषा खारी