गुणवत्ता मानदंडों को पूरा न करने वाली दवाओं को वापस लेने का आदेश दिया : दवा नियामक
गोला नरेश
- 09 Oct 2024, 05:30 PM
- Updated: 05:30 PM
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) भारत के दवा नियामक ने बुधवार को कहा कि लगभग 45 दवाओं के निर्माताओं को गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण अपने उत्पादों को वापस लेने का आदेश दिया गया है, जबकि पांच नकली दवाओं के निर्माताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यहां ‘सीआईआई फार्मा एंड लाइफ साइंसेज’ सम्मेलन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) एवं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के प्रमुख राजीव सिंह रघुवंशी ने स्पष्ट किया कि ‘‘50 नकली दवाओं’’ पर प्रतिबंध लगाने की हालिया खबरें ‘‘पूरी तरह से गलत’’ थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे नकली दवाएं नहीं हैं। वे ‘मानक गुणवत्ता वाली दवाएं नहीं’ थीं। दोनों के बीच एक अंतर है। हमारी शब्दावली में उनमें से केवल पांच नकली थीं, जिन्हें आप नकली कह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि हर महीने सीडीएससीओ बाजार से लगभग 2,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करता है और उनमें से ‘‘लगभग 40-50 नमूने एक या अधिक मानदंडों पर विफल होते हैं, जो बहुत मामूली मानदंड हो सकते हैं। इनमें से कोई भी स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है और हम उसकी जानकारी अपने पोर्टल पर देते हैं।’’
हाल की खबरों का हवाला देते हुए रघुवंशी ने कहा, ‘‘बताया जा रहा है कि 50 नकली दवाएं थीं जिन पर हमने प्रतिबंध लगा दिया। यह पूरी तरह से गलत है। वे नकली दवाएं नहीं थीं और उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। उन्हें सिर्फ अधिसूचित किया गया था कि वे मानक गुणवत्ता वाली दवाएं नहीं हैं।’’
जब उनसे पूछा गया कि सीडीएससीओ की हालिया अधिसूचना के बाद क्या कार्रवाई की गई है तो उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी ओर से यह करते हैं कि इन सभी दवाओं को वापस ले लिया जाता है। इसलिए जिस दिन, हमें दवाओं के गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं होने के बारे में जानकारी मिली तो उसके तुरंत बाद विनिर्माओं से दवाओं को वापस लेने के लिए कहा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नकली उत्पादों की पहचान कर ली है और उन्हें बेचने वाले से लेकर जहां से हमने नमूने लिए, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हैं और फिर हम पूरी आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाते हैं।’’
पिछले महीने, एंटासिड और पैरासिटामोल सहित 50 से अधिक दवाओं को सीडीएससीओ की भारत में बेची जाने वाली घटिया या नकली दवाओं की मासिक सूची में शामिल किया गया था।
भाषा गोला