बलात्कार के आरोपी सपा नेता के खिलाफ अब धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सं जफर सलीम नोमान जोहेब जोहेब
- 04 Oct 2024, 01:13 AM
- Updated: 01:13 AM
अयोध्या (उप्र), तीन अक्टूबर (भाषा) अयोध्या जिले में एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के आरोपी समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुईद खान के खिलाफ एक बैंक को गलत जानकारी देने के आरोप में बृहस्पतिवार को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दूसरी ओर इस मामले में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को मुईद की जमानत याचिका खारिज कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक श्रीप्रकाश ने मुईद पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक की शाखा मुईद की ध्वस्त की चुकी इमारत में स्थित थी।
उन्होंने शिकायत में बताया कि मुईद के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बैंक की शाखा थी और 22 अगस्त को प्रशासन द्वारा अवैध बताते हुए कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त कराये जाने से पहले बैंक शाखा को मजबूरन दूसरी जगह स्थानांतरित करना पड़ा था।
प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया गया है कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में गलत प्लॉट नंबर देकर बैंक को हॉल और कमरा किराए पर दिया गया था और बैंक को इस बात की जानकारी अधिकारियों से नोटिस मिलने के बाद हुई, जिसकी वजह से बैंक को नुकसान हुआ और शाखा को स्थानांतरित करना पड़ा।
अपर पुलिस अधीक्षक (शहर) मधुवन कुमार सिंह ने कहा, “इस मामले में पूरा कलंदर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
मुईद खान पर पहले से ही एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार का आरोप है और हाल ही में उसके खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। बलात्कार मामले में मुईद का नौकर राजू भी आरोपी है।
जुलाई में सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने मुईद के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। सबसे पहले उसकी बेकरी को अवैध निर्माण बताते हुए ढहाया गया। उसी दिन उसके शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को बुलडोजर से गिराया जाना था लेकिन कॉम्प्लेक्स में बैंक शाखा होने के कारण ऐसा नहीं किया गया था।
इसके बाद बैंक को खाली करने का नोटिस दिया गया था। शाखा के स्थानांतरित होने के बाद 22 अगस्त को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त कर दिया गया था।
प्रशासन का आरोप है कि करीब तीन करोड़ की कीमत वाले और चार हजार वर्ग फुट में फैले इस कॉम्प्लेक्स को तालाब और सार्वजनिक सड़क पर अवैध रूप से बनाया गया था।
डीएनए टेस्ट हो चुका है।
वकीलों ने बताया कि अदालत के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, मुईद का डीएनए भ्रूण से मेल नहीं खाता, हालांकि यह राजू के डीएनए से मेल खाता है।
उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को मुईद की जमानत याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त राजनीतिक तौर पर काफी ताकतवर है और उसके तथा पीड़िता के परिवार के बीच बड़ा सामाजिक व आर्थिक फर्क है।
अदालत ने कहा कि इसके अलावा जांच के दौरान पीड़िता व उसके परिवार पर सुलह के लिए दबाव भी डाला गया था, लिहाजा अभियुक्त के बाहर आने पर मामले की जांच प्रभावित होने का खतरा है।
हालांकि न्यायालय ने चार सप्ताह के बाद तथा शिकायतकर्ता पीड़िता की गवाही पूरी होने के बाद मुईद को नए सिरे से जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश विधानसभा में दावा किया था कि आरोपी समाजवादी पार्टी (सपा) से संबंधित हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तीन अगस्त को आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी, जिससे इस घटना पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया था।
यादव ने अपनी पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा, "अयोध्या के भदरसा मामले में डीएनए टेस्ट के बिना भाजपा के आरोप पक्षपातपूर्ण माने जाएंगे।"
बसपा प्रमुख मायावती ने उस समय पूछा था कि सपा के शासन में ऐसे मामलों में कितने आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराया गया था।
भाजपा ने भी अपना हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि यादव ने सपा से जुड़े मुईद को "क्लीन चिट" दे दी है।
भाषा सं जफर सलीम नोमान जोहेब