कुमारस्वामी ने अपने खिलाफ खनन पट्टा मामले की जांच कर रहे एडीजीपी को ‘ब्लैकमेलर और अपराधी’ बताया
शफीक सुरेश
- 29 Sep 2024, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
बेंगलुरु, 29 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने रविवार को लोकायुक्त के एडीजीपी एम. चंद्रशेखर को ‘‘ब्लैकमेलर और अपराधी’’ करार दिया। चंद्रशेखर 2007 के खनन पट्टा मामले में जद (एस) नेता कुमारस्वामी के खिलाफ जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख हैं।
कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (चंद्रशेखर) अपने सहयोगियों को एक पत्र लिखा है। मुझे पता है कि वह पत्र किसने और कहां तैयार किया है। मैं समय आने पर इसका खुलासा करूंगा।’’
कुमारस्वामी द्वारा संदर्भित पत्र के बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) चंद्रशेखर ने लिखा, ‘‘एसआईटी द्वारा जांच किए जा रहे अपराध (संख्या 16/14) के एक आरोपी, एच.डी. कुमारस्वामी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए और धमकियां दीं।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि एसआईटी ने सक्षम प्राधिकारी से आरोपी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी। जमानत पर रिहा आरोपी एच.डी. कुमारस्वामी ने हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए ऐसा किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि उनका उद्देश्य मुझे निशाना बनाकर एसआईटी के अधिकारियों के मन में भय पैदा करना है।’’
अवैध खनन मामले में आरोप लगाया गया है कि कुमारस्वामी ने 2006 से 2008 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, कानून का उल्लंघन करते हुए बेल्लारी जिले में ‘श्री साई वेंकटेश्वर मिनरल्स’ को 550 एकड़ का खनन पट्टा आवंटित किया था।
पत्र को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल (सेक्युलर) के नेता कुमारस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘मैं इस मामले में आरोपी हो सकता हूं, लेकिन वह अधिकारी पुलिस के भेष में ‘अपराधी’ है। उनके खिलाफ कई आपराधिक गतिविधियों के आरोप हैं।’’
एडीजीपी पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक ब्लैकमेलर, जिसने संबंध बनाकर बेंगलुरु में लूटपाट की है... मेरे पास (आरोप के समर्थन में) दस्तावेज हैं।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कुमारस्वामी और आईपीएस अधिकारी के बीच तीखे आरोपों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (कुमारस्वामी) एडीजीपी पर कुछ आरोप लगाए हैं। उन्होंने (एडीजीपी ने) जवाब दिया है। मुझे बस इतना ही पता है।’’
भाषा
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