कर्नाटक भूस्खलन में मारे गए लॉरी चालक अर्जुन को अंतिम विदायी देने के लिए उमड़े सैकड़ों लोग
गोला रंजन
- 28 Sep 2024, 02:48 PM
- Updated: 02:48 PM
कोझीकोड (केरल), 28 सितंबर (भाषा) केरल में कोझीकोड जिले के कन्नादिक्कल गांव में जब लॉरी चालक अर्जुन का शव शनिवार सुबह लाया गया तो सैकड़ों लोग उसे अंतिम विदायी देने के लिए घंटों कतारों में खड़े रहे।
अर्जुन अपने वाहन समेत जुलाई में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के शिरुर गांव में आए भूस्खलन की चपेट में आकर लापता हो गया था।
इस घटना के दो महीने से भी अधिक समय बाद बुधवार को गहन तलाश अभियान के बाद अर्जुन का शव और उसका वाहन एक नदी से बरामद किया गया।
जब एम्बुलेंस कन्नादिक्कल गांव में उसका शव लेकर पहुंची तो वहां भावुक दृश्य देखे गए और उसके मित्र, पड़ोसी तथा साथी चालक रो पड़े।
एम्बुलेंस के गुजरने पर सड़क के दोनों ओर इंतजार कर रहे लोगों की आंखें नम दिखायी दी। सभी वर्ग के लोग अर्जुन के घर पर एकत्रित हो गए जहां श्रद्धांजलि के लिए उसका शव रखा गया।
अर्जुन के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने नम आंखों से कहा, ‘‘कुछ दिन पहले तक हमें लगता था कि अर्जुन जिंदा है और उसका कहीं इलाज हो रहा होगा और वह लौटेगा...कभी उम्मीद नहीं थी कि वह इस तरह लौटेगा।’’
वन मंत्री ए के शशिंद्रन, लोकसभा सदस्य एम के राघवन, विधायक के के रीमा समेत अन्य अधिकारी अर्जुन को अंतिम विदायी देने उसके घर पहुंचे।
इस मौके पर भावुक दिखे शशिंद्रन ने कहा कि उन्होंने हाल-फिलहाल में किसी व्यक्ति को अंतिम विदायी देने के लिए आए इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं देखे।
राघवन ने कहा कि पूरा राज्य और उसके लोग अर्जुन का पता लगाने के लिए एकजुट रहे और देश के इतिहास में 71 दिन लंबा बचाव अभियान अपने आप में दुर्लभ है।
उन्होंने लापता लॉरी चालक का शव बरामद करने में सहयोग के लिए कर्नाटक सरकार का भी आभार जताया।
उत्तर कन्नड़ जिले के शिरुर गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-66 पर 16 जुलाई को हुए भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गयी थी। अर्जुन का शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गयी।
भूस्खलन के तुरंत बाद शुरू हुआ तलाश अभियान प्रतिकूल मौसम, नदी में तेज बहाव और अन्य कारणों से 28 जुलाई को रोक दिया गया था। हालांकि, बाद में बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया।
भाषा गोला