‘भारतीय सड़क कांग्रेस’ एक राजनीतिक दल की तरह काम करना बंद करे : गडकरी
अमित अविनाश
- 26 Sep 2024, 06:42 PM
- Updated: 06:42 PM
बेंगलुरु, 26 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में बुनियादी ढांचा संबंधी तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन देने वाला 90 साल पुराना संगठन भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) भले ही ज्ञान का भंडार है, लेकिन यह एक राजनीतिक दल की तरह काम कर रहा है।
गडकरी भारतीय सड़क कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में 'पुल प्रबंधन में प्रगति' विषय पर एक विशेष पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘कभी-कभी मुझे लगता है कि आप (आईआरसी) एक राजनीतिक पार्टी की तरह काम कर रहे हैं। आप एक पेशेवर संगठन हैं। आपके पास प्रयोगशालाओं के साथ एक स्थायी कार्यालय होना चाहिए और ऐसे लोगों को नियुक्त करना चाहिए जो पूर्णकालिक रूप से अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में रुचि रखते हों और उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाना चाहिए।’’
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि यदि आईआरसी इच्छुक हो तो वह भूमि और अनुदान की सुविधा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपको एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और उचित संगठन होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि कर्नाटक सहित सभी राज्य सरकारें भी इसमें योगदान देंगी।’’
गडकरी ने कहा कि यदि गुणवत्तापूर्ण कार्य करना है, तो सरकारी ढांचे से स्वतंत्र होना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के काम करने के तरीके में, बॉस हमेशा सही होता है, चाहे वह अच्छा या बुरा निर्णय ले रहा हो।’’
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा तकनीक के लिए गुणवत्तापूर्ण विकल्पों की आवश्यकता है क्योंकि भारत पुलों के साथ बहुत सारी समस्याओं का सामना कर रहा है, खासकर तटीय क्षेत्रों में।
उन्होंने यह भी कहा कि समय लेने वाली प्रक्रियाओं के कारण अक्सर परियोजनाएं रुक जाती हैं और इसे जल्द से जल्द और हर स्तर पर हल किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, एक बार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकार हो जाने के बाद, इसे पवित्र ग्रंथ की तरह माना जाता है। कोई भी बदलाव के लिए तैयार नहीं होता है और इस वजह से, हमने बहुत सारी गलतियां की हैं और यह आज एक बड़ी समस्या है।’’
गडकरी ने कहा कि भारत आने वाले विशेषज्ञों के लिए एक अच्छा उदाहरण वर्ली सी लिंक रोड है। उन्होंने कहा, ‘‘26 साल बाद भी, विस्तार जोड़ सही हैं। बाकी सभी जगह समस्याएं हैं। द्वारका एक्सप्रेस हाईवे को एक प्रीमियम परियोजना माना जाता है, लेकिन विस्तार जोड़ सही नहीं था।’’
भाषा
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