झारखंड सरकार ने सुरक्षा वाहनों को हटाकर मेरे जीवन को खतरे में डाला: चंपई सोरेन
देवेंद्र धीरज
- 25 Sep 2024, 08:31 PM
- Updated: 08:31 PM
रांची, 25 सितंबर (भाषा) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर उनकी सुरक्षा में तैनात किये गये सभी वाहनों को हटाकर उनके जीवन को खतरे में डालने का बुधवार को आरोप लगाया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व नेता ने आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा में तैनात वाहनों को हटाना एक राजनीतिक साजिश है।
चंपई सोरेन पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये थे।
राज्य पुलिस ने हालांकि इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा में अभी भी पांच वाहन लगे हुए हैं तथा उन्हें 63 पुलिसकर्मियों की सेवाएं भी प्राप्त हैं।
चंपई सोरेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘झारखंड सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत मेरी जान को खतरे में डालते हुए मुझे दिये गये सभी सुरक्षा वाहनों को हटा लिया। मैं इस कदम से नहीं डरता। झारखंड की जनता मुझे सुरक्षा देगी।’’
चंपई ने कहा कि उन्होंने कभी अपने मूल्यों से समझौता नहीं किया और लोग इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में झामुमो नीत गठबंधन को करारा जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा ने झारखंड में राजनीतिक नेताओं को खरीद लिया है, चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘कोई भी मुझे खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकता। मैंने झामुमो छोड़ने की परिस्थितियों और कारणों को स्पष्ट कर दिया है।’’
चंपई सोरेन ने दावा किया झामुमो द्वारा उन्हें ‘‘अपमानित’’ किया गया।
चंपई सोरेन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार ने कहा कि सभी सुरक्षा वाहनों को हटाने का आरोप निराधार है क्योंकि उनकी सुरक्षा में अभी भी पांच वाहन तैनात किये गये हैं।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि चार अन्य वाहनों को हटाया गया है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री के काफिले का हिस्सा हैं और उनका अन्यत्र इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
बयान में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री को अभी भी विशेष शाखा के छह अंगरक्षकों समेत 63 सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं प्राप्त हैं।
चंपई सोरेन ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सभी नियमों और प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते हुए राज्य सरकार ने मेरी सुरक्षा में तैनात किए गए वाहनों को हटा लिया। मुझे झारखंड में अपने लोगों के बीच किसी भी तरह की सुरक्षा की जरूरत नहीं है। एक पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की इस राजनीतिक साजिश का जवाब राज्य की जनता देगी।’’
भाषा
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