उप सरपंच की हत्या के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति की जेल में मौत, अधिकारी निलंबित
सं संजीव वैभव
- 19 Sep 2024, 12:13 PM
- Updated: 12:13 PM
कवर्धा, 19 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में उप सरपंच की हत्या के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में रहस्यमय परिस्थिति में मौत होने की घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार (प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जेल में बंद प्रशांत साहू (27) को बुधवार को उसकी हालत बिगड़ने के बाद जिला जेल से अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
साहू उन 69 लोगों में शामिल था जिन्हें रविवार को रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घटना में रघुनाथ साहू की मौत हो गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि रघुनाथ साहू पर हमला इस संदेह के कारण किया गया था कि उन्होंने एक अन्य ग्रामीण कचरू साहू की हत्या की थी। कचरू साहू का शव पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के अंतर्गत बीजाटोला गांव में एक पेड़ पर लटका हुआ मिला था।
उन्होंने बताया कि घटना के बाद भीड़ ने रघुनाथ साहू के घर पर हमला कर दिया था और वहां आग लगा दी थी। रघुनाथ साहू के परिवार के तीन सदस्यों, जिसमें उनकी पत्नी भी शामिल हैं, को पुलिस ने घायल अवस्था में बचाया तथा अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आगजनी की घटना की सूचना मिलने पर पुलिस जब गांव पहुंची तब भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। इसमें कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव सहित कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घटना के बाद पुलिस ने लोहारीडीह गांव के 40 निवासियों को हिरासत में लिया था। रविवार को प्रशांत साहू को अन्य ग्रामीणों के साथ गिरफ्तार किया गया था और कुछ स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था।
उन्होंने बताया कि साहू को दौरा पड़ने की बीमारी थी और वह शराब पीने का आदी था।
अधिकारियों ने बताया, ''साहू को जांच के लिए मंगलवार को फिर से अस्पताल ले जाया गया और उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। अगले दिन उसकी हालत बिगड़ गई।''
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को विचाराधीन कैदी की मौत के बाद निलंबित कर दिया गया है।
शर्मा ने बुधवार रात संवाददाताओं से कहा, ''जेल में हुई मौत जांच का विषय है। मंगलवार को आरोपी को जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसके हाथ का एक्स-रे कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार रिपोर्ट सामान्य है। बुधवार को पंचनामा के दौरान मृतक के शरीर पर चोट के निशान पाए गए। उसके विसरा के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं तथा रिपोर्ट का इंतजार है।''
उन्होंने कहा, ''प्रथम दृष्टया जेल के रिकॉर्ड से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों ने दावा किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कुछ गिरफ्तार लोगों की पिटाई की गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एएसपी विकास कुमार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है''
शर्मा ने बताया, ''मुख्यमंत्री ने प्रशांत साहू के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। इसके अलावा, उसके परिवार के सदस्य जिन्हें हत्या के उसी मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्हें भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।''
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
इस बीच, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हिरासत में मौत की घटना की जांच के लिए अपनी टीम गठित की है। बुधवार रात संवाददाताओं से बात करते हुए, कांग्रेस विधायक और पार्टी की जांच टीम के संयोजक दलेश्वर साहू ने सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधा और कहा, ''प्रशांत साहू के शरीर पर चोट के निशान देखे गए हैं, जो स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि उन्हें पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पुलिस की यातना के कारण उनकी मौत हुई।''
भाषा सं संजीव