तीन नए आपराधिक कानून 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार: शाह
खारी दिलीप
- 04 Aug 2024, 08:52 PM
- Updated: 08:52 PM
चंडीगढ़, चार अगस्त (भाषा) गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों को रविवार को 21वीं सदी का ‘‘सबसे बड़ा’’ सुधार करार दिया और कहा कि इनका उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों-भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक और प्रौद्योगिकी से सुसज्जित आपराधिक न्याय प्रणाली होगी।
शाह यहां आपराधिक न्याय तंत्र को मजबूत करने के लिए ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन प्रणालियों का शुभारंभ करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
एक जुलाई को प्रभावी हुए बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए ने क्रमशः ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
शाह ने कहा कि चंडीगढ़ देश की पहली प्रशासनिक इकाई होगी, जहां अगले दो माह में तीनों कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली को संचालित करने वाले ये नये कानून 21वीं सदी का ‘‘सबसे बड़ा’’ सुधार है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब ये कानून पूरी तरह से लागू हो जाएंगे तब प्रौद्योगिकीय रूप से हम दुनिया में सबसे आगे होंगे...संविधान की भावना के अनुरूप, ये नागरिक-केंद्रित कानून बनाए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए, संसद में चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा भारत की जनता के लिए बनाए गए कानून हैं। इसमें भारत की मिट्टी की खुशबू है और हमारे न्याय की संस्कृति भी है।’’
शाह ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना है।
शाह ने कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह एक भावना है। उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यक्ति को न्याय मिले, यह सुनिश्चित करना संविधान की जिम्मेदारी है। संविधान की इस भावना को जमीन पर उतारने का माध्यम हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली है।’’
उन्होंने कहा कि इन तीनों नये कानूनों में काफी बदलाव किये गये हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे। इस कानून में ‘मॉब लिंचिंग’ (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाला) को लेकर सख्त प्रावधान किए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि अब यहां अपराध करने के बाद देश से भागना आसान नहीं होगा।
भाषा खारी